एयरोबिक्स एक पाश्चात्य व्यायाम शैली है, जिसका उद्देश्य बहुआयामी है। इस विद्या से हृदय की गति को विविध व्यायामों द्वारा धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है, फिर क्रमशः गति को बढ़ाते हुए बहुत तेज और अंत में धीरे-धीरे कम करते हुए सामान्य स्तर पर लाया जाता है। जिन लोगों को हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, जोड़ों में कठोरपन और कम लचीलापन हो, उन्हें इस क्रिया के अभ्यास के संबद्ध में व्यायाम विशेषज्ञ और डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही अभ्यास करना चाहिए, वरना हानि होने की संभावना रहती है।
एयरोबिक्स व्यायाम का उद्देश्य शरीर में अधिक ऑक्सीजन का संचारण करना है, ताकि हृदय की गति बढ़ने से रक्त-संचार सुधरे और पूरे शरीर को प्राणवायु मिलने से शक्ति का संचार हो तथा अनावश्यक रूप से बढ़ी चरबी घटे या वजन कम हो।
इसकी प्रमुख विधियाँ हैं
1. जॉगिंग
2. तेज गति से चलना
3. एयरोबिक्स नृत्य
4. स्कीइंग
5. तैराकी
6. खुले मैदान में हरी घास पर नंगे पाँव चलना
7. साइकिल चलाना
सावधानियाँ और दिशा-निर्देश
1.इन व्यायामों को प्रारंभ करने से पहले शरीर को समुचित रूप से तैयार करना जरूरी है (जिसे वर्कअप या वार्मअप कहा जाता है); और व्यायाम जब समाप्त हो जाए तो शरीर को धीरे-धीरे पूर्ववर्ती स्थिति में लाना होता है (जिसे कूल डाउन कहा जाता है)। ये दोनों प्रक्रियाएँ सभी के लिए अति आवश्यक हैं।
2. इन व्यायामों से तुरंत लाभ-प्राप्ति के लिए हठधर्मिता और ज्यादती न करें। पहले हलके व्यायाम करें, फिर धीरे-धीरे गति एवं समय-सीमा बढ़ाते जाएँ। जब शरीर अभ्यस्त होने लगे तो व्यायाम का समय, गति और नंबर बढ़ाएँ।
3. ऐसे व्यायाम सप्ताह में 4-5 दिन तक करें, बीच में 2-3 दिन का अंतर दें और इस अंतराल के बाद पुनः शुरू कर दें।
4.शरीर का स्वस्थ रहना हृदय द्वारा आपूर्ति किए गए रक्त की मात्रा पर निर्भर है, इसलिए स्वस्थ हृदय और नियमित रक्त-संचार के लिए ऑक्सीजन की निरंतर एवं समुचित मात्रा में आपूर्ति बहुत जरूरी है, और यह काम नियमित व्यायाम द्वारा ही संभव है।
5. इस बात का ध्यान रखें कि श्वसन तंत्र को पर्याप्त प्राणवायु मिलती रहे; मांसपेशियों, कोशिकाओं तथा अन्य अंगों का बराबर पोषण होता रहे और उनकी कार्यशीलता व कार्यक्षमता बनी रहे।
6. अपने शरीर की क्षमता और साँस की गति का सदा ध्यान रखें तथा अति से बचें, अन्यथा लाभ के स्थान पर हानि हो सकती है।
7. प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव, शरीर का गठन, उसकी क्षमता, रोग सहन करने की क्षमता, रोग का प्रकार अलग-अलग होने से सभी को एक जैसे व्यायाम नहीं सुझाए जा सकते। इसलिए किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें।
8. एयरोबिक्स से पसीना खूब आता है। हृदय की धड़कन और गति बढ़ जाने के कारण हृदय रोगियों, रक्तचाप से ग्रस्त और जोड़ों के दर्द से परेशान रोगियों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
9. अपने शरीर और रक्तचाप की जाँच करवाते रहें।
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