M.Phil और PhD में अंतर आसान भाषा मे – क्या आप जानते है कि M.Phil औऱ PhD में क्या अंतर होता है? आप सभी ने M.Phil औऱ PhD के बारे में तो जरूर सुना ही होगा, लेकिन शायद ही आप जानते होंगे कि M.Phil और PhD में अंतर क्या होता है वैसे आपको बता दे कि यह दोनों ही कोर्स टीचिंग फील्ड में जाने का मजबूत आधार होते हैं, इसके अलावा स्टूडेंट्स को इनमें रिसर्च और थ्योरी के साथ ही प्रैक्टिकल पढ़ाई भी करवाई जाती है। आइये जानते है कि एमफिल और पीएचडी में क्या अंतर होता है Difference Between M.Phil And PhD
M.Phil और PhD इन दोनों को लेकर स्टूडेंट्स में काफी कंज्यूजन होता है (Difference in M.Phil and PhD) बता दे कि इन दोनों कोर्स को ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद किया जाता है। अगर आप टीचिंग की दुनिया मे कदम रखना चाहते है तो उसके लिए ये मजबूत आधार होते है। M.Phil और PhD में क्या अंतर होता है ये जानने से पहले आपको ये जानना होगा कि M.Phil और PhD आखिर होते क्या है?
M.Phil क्या होता है? M.Phil Full Form
M.Phil का फुल फॉर्म होता है मास्टर ऑफ फिलोसॉफी Master of Philosophy (M Phil) बता दे कि यह कोर्स 2 साल का पीजी रिसर्च प्रोग्राम है और जिसे कॉमर्स, ह्युमैनिटीज़, लॉ, साइंस और टीचिंग जैसे स्ट्रीम के स्टूडेंट्स कर सकते हैं। एम फिल में अभ्यर्थी को थ्योरी के साथ-साथ रिसर्च आधारित प्रैक्टिकल भी करने होते हैं। इसके अलावा स्टूडेंट्स इसे रेगुलर और डिस्टेंस लर्निंग इन दोनों ही तरीकों से कर सकते हैं।
PhD क्या होती है? PhD Full Form
सबसे पहले आपको बता दे कि पीएचडी PhD का फुल फॉर्म होता है डॉक्टर ऑफ फिलोसॉफी (Doctor of Philosophy) बता दे कि PhD किसी भी सब्जेक्ट में स्टडी का एक अंतिम पड़ाव होता है और स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद इस रिसर्च प्रोग्राम को कर सकते हैं। इसमें किसी भी विषय पर बहुत ही बारीकी से स्टडी करनी होती है। स्टूडेंट्स इसे UGC NET और गेट जैसे एग्जाम को पास करने के बाद कर सकते है। वैसे तो यह कोर्स 3 साल का होता है लेकिन स्टूडेंट्स इसे 6 साल में भी पूरा कर सकते है।
एमफिल और पीएचडी में क्या अंतर होता है? Difference in PhD And M.Phil in Hindi
M.Phil कोर्स की Duration 1.5 से 2 साल की होती है। जबकि PhD 3-4 साल का कोर्स होता है लेकिन कभी-कभी ये 5 साल का भी हो सकता है।
PhD करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम क्लीयर करना जरूरी होता है जबकि M Phill में परफोर्मेंस के आधार पर भी PhD कर सकते हैं।
बता दे कि M.Phil के कोर्स में बैलेंस थ्योरी सब्जेक्ट और एक्सपेरिमेंट्स होते हैं वही PhD में एक्सपेरिमेंट्स और रिसर्च मेथड और 2-3 Theory के Subjects को भी पढ़ना होता है।
एक स्टूडेंट को किसी खास विषय में विशेषज्ञता हासिल करने और आगे की रिसर्च के लिए ज्यादा Relevant Information देता है जबकि PhD में स्टूडेंट्स की नॉलेज और स्किल्स में कुछ नया Add करने का मौका देता है।
तो अब आप अच्छे से समझ गए होंगे कि एम फिल ओर पीएचडी क्या होते है और इनमे क्या अंतर होता है। आशा करते है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, जानकारी पसंद आये इस आर्टिकल को शेयर जरूर करे धन्यवाद….
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