क्रिकेट में यो यो टेस्ट क्या होता है? – आप सभी लोग क्रिकेट तो देखते ही होंगे, हमारे भारत में क्रिकेट का अलग ही जूनून है। लेकिन आप यो यो टेस्ट के बारे में नही जानते है कि क्रिकेट में यो यो टेस्ट क्या होता है और इसे क्यों और कैसे कराया जाता है?
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इंडियन टीम जब भी कोई सीरीज खेलने जाती है तो इससे पहले सीरीज में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को एक टेस्ट देना होता है ये टेस्ट खिलाडियों की फिटनेस को पता करने के लिए किया जाता है अगर खिलाड़ी टेस्ट में पास हो जाता है तो वो मैच खेलने के लिए फिट माना जाता है और अगर फैल हो जाता है तो उससे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है, आपको बता दे की इस टेस्ट में फैल होने की वजह से कई बड़े-बड़े खिलाड़ीयो को टीम इंडिया से बाहर होना पड़ा है।
यो यो टेस्ट एक ऐसा टेस्ट होता है जिसका इस्तेमाल खिलाड़ी या एथिलीट की फिटनेस को साबित करने के लिए किया जाता है, दुनिया में सबसे पहले फुटबॉल में इस टेस्ट का इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद हॉकी में और फिर क्रिकेट में भी इस टेस्ट का इस्तेमाल किया जाने लगा है, क्रिकेट में सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया टीम ने अपनी खिलाडियों की फिटनेस को साबित करने के लिए इस टेस्ट का इस्तेमाल किया था और अब तो लगभग सभी क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ियों की फिटनेस को इसी टेस्ट के जरिये साबित करते हैं. टीम इंडिया में अब लगभग सभी खिलाड़ी यो यो टेस्ट देना होता है और तभी उन्हें टीम में शामिल किया जाता है?
अगर बात करे इसकी प्रोसेस की और इसे किस तरह से किया जाता है तो आपको बता दूँ कि यह एक सॉफ्टवेयर आधारित टेस्ट होता है, इसका मतलब कोई भी मेनुअल या कोई भी आदमी इस टेस्ट को नहीं लेता है, बता दे की भारत में बेंगलोर में स्थित नेशनल क्रिकेट अकादमी में इस टेस्ट को लिया जाता है. इस टेस्ट को देने के लिए खिलाड़ी को दो कोन के बीच लगातार दौड़ाना पड़ता है और ये दोनों कोन 20 मीटर की दूरी पर लगे रहते हैं इसमें टेस्ट में सॉफ्टवेर एक बीप देता है।
पहली बीप पर खिलाड़ी एक कोने से दूसरे कोने की तरफ दौड़ाता है और जब खिलाड़ी दूसरे कोने तक पहुँचता है तो सॉफ्टवेयर दूसरी बीप देता है.
इस तरह से सॉफ्टवेयर में खिलाड़ी के एक कोन से दूसरे कोन तक भागने का टाइम रिकॉर्ड हो जाता है और ये प्रोसेस लगातार चलती रहती है और आखिरी में सॉफ्टवेयर फिटनेस स्कोर के द्वारा ये बताता है कि खिलाड़ी खेलने के लिए फिट है या नहीं।
क्रिकेट में कई बड़ी बड़ी टीमें अपने खिलाड़ियों के सिलेक्शन के लिए अलग-अलग Criteria रखा होता है।
जैसे की न्यूजीलैंड टीम के खिलाड़ियों इस टेस्ट में कम से कम 20.1 पॉइंट हासिल करने होते हैं।
वेस्ट इंडीज टीम के खिलाड़ियों को इस टेस्ट में कम से कम 19 पॉइंट हासिल करने होते हैं।
पाकिस्तान टीम के खिलाड़ियों को इस टेस्ट में कम से कम 17.4 पॉइंट हासिल करने होते हैं।
भारतीय टीम के खिलाड़ियों को इस टेस्ट को पास करने के लिए कम से कम 16.1 पॉइंट हासिल करना जरुरी होता है।
टीम में शामिल होने के लिए हर खिलाड़ी को यो-यो टेस्ट देना जरुरी होता है तभी उन्हें टीम में जगह मिलती है, तो दोस्तों अब आप समझ गये होंगे की क्रिकेट में यो-यो टेस्ट क्या होता है उम्मीद है आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। दोस्तों ऐसे ही मजेदार जानकारी के लिए Aweaomegyan.in पर विजिट करते रहे।
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