Dehydration : गले का सूखना हो या हो मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है जानलेवा।

डिहाइड्रेशन (Dehydration) या निर्जलीकरण की समस्या होने पर शरीर से निकलने वाले पानी की मात्रा ली जाने वाली मात्रा से अधिक हो जाती है। इस अवस्था को ही Dehydration कहा जाता है शरीर में पानी की आवश्यक मात्रा में कमी आने पर कई समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है जैसे कि सर में दर्द , कब्ज़ की समस्या, शारीरिक थकान, किडनी स्टोन (लम्बे समय तक पानी की कमी से ) डिहाइड्रेशन के कारण पैदा होती है.

आप जानते है हमारा शरीर का लगभग 80% भाग पानी से बना है और हमारे शरीर का हर अंग, कोशिका और ऊतक इसका उपयोग सामान्य तरीके से काम करें इसके लिए प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना महत्वपूर्ण है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए पानी की आवश्यकता कम या अधिक होती है एक कम उम्र के बच्चे के लिए कम पानी की मात्रा और व्यस्को को एक दिन में अधिक पानी की आवश्यकता होती है (लगभग 8 से 10 गिलास) विशेषकर गर्मी के मौसम में और देखा जाये तो उत्तर भारत में गर्मी का समय सर्दी और बरसात के मौसम की तुलना में अधिक समय तक रहता है इसलिए इस बात का खास ध्यान रखना और भी जरूरी हो जाता है इसके अलावा हमें इन अपने शरीर की इन बुनियादी जरूरतों को जानना बहुत जरूरी है तो आइये जानकारी लेते है शरीर में पानी की कमी होने पर कौन से दुष्प्रभाव होते है-

निर्जलीकरण (Dehydration) होने के कारण

शरीर में पानी की कमी या डिहाइड्रेशन होने के कई कारण हैं जैसे-
पर्याप्त मात्रा में पानी या तरल पदार्थ न पीने के कारण
अत्याधिक उल्टी होना या दस्त होने कारण जिसके कारण शरीर में पानी की कमी सबसे ज्यादा आती है।
किडनी फेल होने के कारण, टाइप-1 डायबिटीज के कारण
शरीर से अधिक पसीना निकलने के कारण जैसे अधिक व्यायाम और खेल जैसे दौड़, फुटबाॅल जिसमें अधिक दौड़भाग करनी होती है।
अत्यधिक गर्मी में हीट स्ट्रोक हो सकता है
बीपी की समस्या होने पर बीपी का कम या अधिक होना।

 

निर्जलीकरण (Dehydration) होने के लक्षण 

निर्जलीकरण (Dehydration) की समस्या होने पर शरीर में कुछ लक्षण जल्दी और कुछ अधिक समय के बाद दिखाई देते है.

शारीरिक थकान होना – शरीर में Dehydration होने पर हमारी एनर्जी कम हो जाती है बीपी कम होना इसके अलावा ब्रेन और पूरे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने से शारीरिक थकान पैदा होती है।

Dehydration : गले का सूखना हो या हो मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है जानलेवा।
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सिरदर्द होना – सिरदर्द की समस्या होने पर जरूरी नहीं कि वह अन्य किसी कारण से हो यह शरीर में पानी की कमी होने निर्जलीकरण (Dehydration) से भी हो सकती है क्योंकि जब हमारे शरीर में हाइड्रेशन के स्तर में कमी होती है तो ब्रेन में ऑक्सीजन और ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है

Dehydration : गले का सूखना हो या हो मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है जानलेवा।
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भ्रम की स्थिति पैदा होना- डिहाइड्रेशन का असर हमारी सोचने-समझने की क्षमता पर भी होता है.

भ्रम की स्थिति पैदा होना
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सांस लेने पर बदबू आना- हमारे मुंह में लार में जीवाणुरोधी गुण होते हैं यदि शरीर में पानी की कमी होने पर यह लार पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाने पर बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे सांसों की बदबू पैदा होती है।

डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण से होने वाले नुकसान और बचने के उपाय
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कब्ज की समस्या होना- शरीर में पानी की कमी होने पर कब्ज की समस्या मुख्य रूप से देखी जाती है पानी की कमी से पाचन तंत्र को काफी नुकसान पहुँचता है चूंकि मल को नरम बनाये रखने के लिए आवश्यक पानी की आवश्यकता होती है इसके लिए पानी शरीर से ही सोखा जाता है अब यदि शरीर में पानी की कमी होगी तो पेट दर्द और ऐंठन के अलावा मल भी कठोर होकर समस्या उत्पन्न करता है। तरल पदार्थो की कमी शरीर में कब्ज को बढ़ती है। अपच और सीने में जलन भी पानी की कमी के कारण होती है.

कब्ज की समस्या होना
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स्किन ड्राय होना या त्वचा की चमक कम होना- किसी कार्य को करने से निकलने से पसीना हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है इसके अलावा शरीर से पसीना आने पर यह अपने साथ शरीर के अंदर के विषैले पदार्थो को बाहर निकालता है शरीर खुद को ठंडा करने के लिए पसीने के रूप में पानी का उपयोग करता है। लेकिन यदि शरीर में पानी में कमी होगी तो पसीना नहीं निकलने पर इन विषैले पदार्थो के कारण हमारी त्वचा को खुश्क और रूखी हो जाती है जिससे कारण उसकी चमक कम हो जाती है। चेहरे की ग्लो या कांति कम होती है इसके अलावा पानी की कमी से एक्जिमा, मुँहासे जैसे रोग होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

पथरी या किडनी स्टोन का खतरा होना- आजकल पथरी या किडनी स्टोन की समस्या बहुत आम हो गयी है ज्यादा समय तक निर्जलीकरण की समस्या या शरीर में पानी की कमी होने पर कम मात्रा में पानी पीने पर यूरिन भी कम बनती है जिसके कारण यूरिन द्वारा शरीर से निकलने वाले हानिकारक अपशिष्ट मिलकर पथरी की समस्या उत्पन्न करते हैं। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।

निर्जलीकरण (Dehydration) का इलाज

निर्जलीकरण होने पर शरीर में पानी की कमी को पूरा करके इसका उपचार किया जा सकता है जिससे शरीर का हर अंग, कोशिका और ऊतक सामान्य तरीके से काम कर सके, इसके लिए.
तरल पदार्थ अधिक से अधिक मात्रा में इस्तेमाल करें जैसे पानी, फलों का रस, इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त स्पोर्ट्स ड्रिंक
नारियल पानी का इस्तेमाल करना एक बेहतर विकल्प है नारियल पानी में मिनरल, विटामिन और कई फायदेमंद तत्व पाये जाते जो शरीर में पानी की कमी को पूरा करते हैं। इसके अलावा नींबू पानी भी इस अवस्था में बहुत फायदेमंद होता है
विटामिन सी का एक अच्छा स्त्रोत होने के साथ ही यह शरीर में डिहाइड्रेशन होने पर आराम देता है साथ ही बीपी में भी फायदा पहुंचाता है।
काॅफी चाय जैसे मादक पेय का इस्तेमाल कम से कम करें।
उल्टी होने पर पानी का लेवल बनाये रखने के लिए कम मात्रा में बार-बार पानी पीने की कोशिश करें।
घर पर ओआरएस का घोल बनाकर मरीज को पिलाने पर काफी आराम मिलता है।
जहाँ तक संभव हो तुरंत डाॅक्टर से संपर्क करें।

तो दोस्तों आपको ये लेख कैसा लगा, ऐसी और अधिक जानकारी के लिए AwesomeGyan.in बेवसाइट से जुड़ें रहें।……धन्यवाद

Q.1 निर्जलीकरण के मुख्य लक्षण क्या हैं ?

Ans. मुख्य लक्षणों में शरीर में थकावट होना, सुस्ती आना, चक्कर आना, मुंह सूखना, सरदर्द होना, यूरिन की मात्रा में कमी आना।

Q.2 निर्जलीकरण होने पर क्या करना चाहिए ?

Ans. इसके लिए आप इलेक्ट्रोलाइट युक्त रिहाइडेªशन पेय का इस्तेमाल कर सकते हैं या आधा छोटा चम्मच नमक और 6 चम्मच चीनी एक लीटर पानी में घोलकर रिहाइड्रेशन सोल्युशन बनाकर ले सकते हैं। बेहतर उपचार के लिए डाॅक्टर से संपर्क करें।

Q.3 एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए ?

Ans. इसके लिए उम्र के अनुसार पानी की मात्रा तय होती है जहाँ एक बच्चे को दिन में 1.5 लीटर और एक वयस्क व्यक्ति को दिन में 3.7 लीटर पानी या तरल पदार्थ लेना चाहिए।

Q.4 यह समस्या होने पर त्वचा पर क्या असर होता है ?

Ans. चेहरे की चमक (glow) कम होती है और यानि त्वचा में कोई चमक नहीं रहती है। स्किन रुखी हो जाती है.

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