भाग्य भी उन्हीं का साथ देता है जो कठिन से कठिन स्थितियों में भी अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहते हैं.
-आचार्य चाणक्य-
मूर्ख लोगों से कभी वाद-विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम अपना ही समय नष्ट करते है.
-आचार्य चाणक्य-
भगवान मूर्तियों मे नहीं बसता. आपकी अनुभूति ही आपका ईश्वर है और आत्मा आपका मंदिर.
-आचार्य चाणक्य-
ऋण, शत्रु और रोग को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए. इन्हें जल्द से जल्द चुका देना चाहिए.
-आचार्य चाणक्य-
जो आपकी बात को सुनते हुए इधर-उधर देखे उस आदमी पर कभी भी विश्वास न करे.
-आचार्य चाणक्य-
किस्मत के सहारे चलना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है. ऐसे लोगों को बर्बाद होने में वक्त नहीं लगता है.
-आचार्य चाणक्य-
उस स्थान पर एक पल भी नहीं ठहरना चाहिए जहां आपकी इज्जत न हो, जहां आप अपनी जीविका नहीं चला सकते, जहां आपका कोई दोस्त नहीं हो और जहां ज्ञान की तनिक भी बातें न हों.
-आचार्य चाणक्य-
जिस तरह एक सुगंध भरे वृक्ष से सारा जंगल महक जाता है, उसी तरह एक गुणवान पुत्र से सारे कुल का नाम रौशन हो जाता है.
-आचार्य चाणक्य-
दूसरों की गलतियों से सीखो, अगर अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने का प्रयास करोगे तो आयु कम पड़ जाएगी.
-आचार्य चाणक्य-
कोई भी व्यक्ति ऊंचे स्थान पर बैठकर ऊंचा नहीं हो जाता बल्कि हमेशा अपने गुणों से ऊंचा होता है.