DSLR की Full Form ‘Digital Single Lens Reflex ‘ होती हैं। – DSLR Camera एक डिजिटल सिंगल लैंस रिफ्लेक्स कैमरा है जो की Digital Format में फोटोज और विडियो Capture करता है तथा उसे इलेक्ट्रॉनिक इमेज सेंसर की मदद से रिकॉर्ड करता है. इस कैमरे में आप फोटो लेने के तुरंत बाद उसे देख सकते है, उसे डिलीट कर सकते है और उसकी जगह नया फोटो ले सकते है.
इसके लैंस भी बहुत एडवांस होते है और यह हमारे फ़िल्मी कैमरे से बहुत अलग होता है. इसके फीचर ही इसे यूनिक बनाते है. इसके लैंस और एडवांस फीचर आपको एक परफेक्ट पिक्चर लेने में मदद करते है.
DSLR काम कैसे करता है-
SLR/DSLR कैमरा में ऑब्जेक्ट को देखने, उस पर फोकस करने और सेंसर तक लाइट के पहुंचने के सारे काम एक ही लेंस की मदद से होते हैं। यानी, जब हम कैमरे के व्यूफाइंडर से वस्तु को देख रहे होते हैं तब हम उसी लेंस से होकर देख रहे होते हैं जिससे फोटो लिया जाना है। और हम फ्रेम को बिल्कुल वैसा ही देख रहे होते हैं जैसा वह लेंस को दिखता है। यानी, फोटो लेने पर जो फ्रेम बनेगा वह वैसा ही होगा जैसा हम व्यूफाइंडर से देख रहे होते हैं। पुराने जमाने के ‘ट्विन लेंस’ कैमरों में ऐसा नहीं होता था।
आधुनिक डीएसएलआर (DSLR) कैमरा में सब्जेक्ट को देखने और फोकस के लिए ‘मिरर’ (mirror) दर्पण और/अथवा प्रिज्म का इस्तेमाल किया जाता है। जब हम व्यूफाइंडर से ऑब्जेक्ट को देखते हैं तब यह काम एक मिरर और/अथवा प्रिज्म की मदद से होता है। इसके लिए कैमरे में दो छोटे मिरर्स या दर्पण लगे होते हैं। लेंस से होकर आने वाली प्रकाश किरणें 1st मिरर (दर्पण) से रिफ्लेक्ट होकर 2nd मिरर पर गिरती है, और फिर व्यूफाइंडर से होकर हमारी आंखों तक पहुंचती है। महंगे DSLR कैमरों में 2nd मिरर के जगह पर पेंटाप्रिज्म (pentaprism) का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे ऑब्जेक्ट थोड़ा और साफ दिखाई पड़ता है।
1st मिरर सेंसर के ठीक सामने लगा होता है और सेंसर को ब्लॉक कर देता है। इस कारण, जब तक हम शटर बटन न दबाएं तब तक लेंस से आने वाली प्रकाश कि|
दोस्तो उम्मीद करते है आपको ये जानकारी अच्छे से समझ आ गई होगी अगर आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करेंगे तो हमको बहुत खुशी होगी। और Awesomegyan.in से जूड़े रहे।