चाय पत्तियां रंग क्यों छोड़ती हैं? चाय दुनिया भर में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली पेय है। यह दोस्तों के साथ बैठकर चर्चा करने का एक बहुत ही अच्छा तरीका है और साथ ही इसका स्वाद भी लोगों को बहुत अच्छा लगता है। इसके अलावा, चाय को बनाने का तरीका भी बहुत आसान होता है। आप इसे घर में बनाकर खुद को फिट और स्वस्थ रख सकते हैं।
चाय बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सामग्री होती है चाय पत्तियाँ। चाय पत्तियों के रंग और स्वाद चाय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब हम चाय पत्तियों को पानी में भिगोते हैं तो पानी उनके रंग से रंग जाता है। इसका कारण क्या होता है? क्यों चाय पत्तियों के रंग को पानी में निकलने में मदद मिलती है? इसके बारे में बात करने से पहले हम चाय पत्तियों के बारे में जानते हैं।
यह कैसे प्राप्त होती हैं?
चाय पत्तियाँ चाय के पौधे से प्राप्त होती हैं। ये पत्तियाँ चाय के पौधे पर उगती हैं और उन्हें फिर उगाने वाले के द्वारा तोड़ दिया जाता है। चाय पत्तियों का आकार व प्रकार विभिन्न होता है। इनमें कुछ पत्तियाँ बड़ी होती हैं तो कुछ छोटी। इनके अलावा इन्हें लोग अलग-अलग तरीकों से उगाते हैं।
चाय पत्तियों का रंग:
चाय पत्तियों का रंग हरे या काले होता है। इन्हें काले करने के लिए ये पत्तियाँ धूल और आभूषण जैसी वस्तुओं से रूढ़िवादी रूप से काले किए जाते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया को आजकल खत्म कर दिया गया है। यह प्रक्रिया चाय के पत्तों को नुकसान पहुँचाती थी और इससे इनकी क्वालिटी भी गिर जाती थी।
चाय पत्तियों के कॉम्पाउंड्स:
चाय पत्तियों में अनेक प्रकार के कॉम्पाउंड्स होते हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण होते हैं टैनिन, कैफीन, फ्लैवोनॉइड्स और आरोमा से भरपूर ऑइल। इनमें से टैनिन चाय के रंग के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है।
चाय पत्तियों का रंग पानी में क्यों निकलता है?
चाय पत्तियों का रंग पानी में इसलिए निकलता है कि इनमें टैनिन नामक कॉम्पाउंड पाया जाता है। टैनिन एक खट्टी और टेक्सचर के साथ एक कड़वा रसायन होता है। इसका जोड़ जल से होता है जिससे रंग निकलता है। चाय पत्तियों में अधिक मात्रा में टैनिन होने से चाय का रंग गहरा होता है। इसी कारण चाय के अलग-अलग प्रकार के पत्तों में भी रंग की भिन्नता देखने को मिलती है।
चाय के रंग को बदलने का कारण:
चाय का रंग पानी में डालने के कुछ सेकंड में ही बदल जाता है। ये रंग को बदलने के विभिन्न कारण हो सकते हैं जैसे कि पत्तियों के आकार व प्रकार, उनके उगाने के स्थान, तापमान और वक्रता।
चाय का रंग पत्तियों के उगाने के स्थान से भी प्रभावित होता है। जितना पौधा ज्यादा पर्वतीय क्षेत्र में उगता है, उतना उसमें कम मात्रा में टैनिन पाया जाता है। इसलिए उच्च ऊंचाइयों में उगे चाय के पत्ते हल्के व उज्ज्वल रंग के होते हैं जबकि निचले इलाकों में उगे चाय के पत्ते गहरे रंग के होते हैं।