AC की पूरी जानकारी। टन स्टार रेटिंग और प्रकार

गर्मियों के मौसम सभी को एयर कंडीशनर (AC) बहुत अच्छा लगता है क्योंकि ये हमे भीषण गर्मी से राहत दिलाता है और आप भी अगर इस गर्मी के मौसम में एयर कंडीशनर (AC) लेने का सोच रहे तो आपको AC के बारे में कुछ जरुरी बातों के बारे में जान लेना चाहिए जैसे की आपको कोनसा AC लेना चाहिए, SPLIT AC या WINDOW AC, इन दोनों AC (Air Conditioner) में क्या फर्क होता है,

AC की पूरी जानकारी
AC ki poori jankari

एयर कंडीशनर की स्टार रेटिंग का क्या मतलब होता है और AC में टन का क्या मतलब होता है जैसे 1 टन, 1.5 टन और 2 टन के जो एयर कंडीशनर होते है इनमे क्या फर्क होता है और इन्वर्टर एयर कंडीशनर क्या होते है।

What is Window AC?

अगर हम बात करे Window AC (विंडो एयर कंडीशनर) की तो जैसा की नाम से ही पता चलता है कि यह AC खिड़की पर लगाने के लिए होती है, इसका आधा हिस्सा खिड़की के अंदर और आधा हिस्सा खिड़की के बाहर रहता है। बता दे की ये AC खिड़की पर ही लगाई जाती है अगर किसी कमरे में खिड़की नही है तो WINDOW AC (विंडो एयर कंडीशनर) नही लगाई जा सकती है

AC की पूरी जानकारी
What is Window AC

साथ ही आपको बता दे की ये खिड़की के आस पास ज्यादा ठंडा करती है। Window AC (विंडो एयर कंडीशनर ) और स्पिल्ट एयर कंडीशनर की कीमत में मामूली सा अंतर होता है।

What Is Split AC?

Split AC के दो यूनिट होते है पहला Out-door और दूसरा In-door, इसका In-Door हिस्सा घर के अंदर रखा जाता है और Out-Door घर के बाहर या छत पर रखा जा सकता है क्योंकि Outdoor यूनिट को हवा की जरूरत होती है

AC की पूरी जानकारी
What Is Split AC

अगर किसी कमरे में खिड़की नही होती है तो वहाँ Split AC (स्प्लिट एसी) का इस्तेमाल किया जाता है और Indoor और Outdoor यूनिट को एक पाइप लाइन के जरिये एक दूसरे से जोड़ा जाता है। बता दे की आज कल ज्यादातर स्प्लिट एयर कंडीशनर का ही इस्तेमाल किया जाता है।

1 टन, 1.5 टन और 2 टन एसी का क्या मतलब होता है? What is Ton in AC?

जब भी कोई AC लेने जाता है तो उनसे पूछा जाता है उसे कितने टन का AC चाहिए तो वह व्यक्ति सोच में पड़ जाता है की आखिर टन का मतलब क्या होता है और कई लोग तो ये समझ लेते है टन का मतलब एयर कंडीशनर (AC) के वजन से होता है तो आपको बता दे की टन का मतलब एयर कंडीशनर (AC) के वजन नही होता है। टन का मतलब AC की कूलिंग कैपेसिटी से होता है कहने का मतलब है कि एयर कंडीशनर एक घंटे में कितनी गर्मी कम कर सकता है। गर्मी की इस मात्रा को BTU (ब्रिटिश थर्मल यूनिट) में मापा जाता है।(वेबसाइट या ब्लॉग बनाकर पैसे कामये )

बाजार में अलग अलग टन के एयर कंडीशनर मिलते है जैसे 1 टन, 1.5 टन, 2 टन और 3 टन, अगर हम बात करे 1 टन के एयर कंडीशनर (AC) की तो अगर हम किसी कमरे में 1 टन बर्फ रख दे तो जितनी ठंडक 1 टन बर्फ देगी उतनी ही ठंडक 1 टन का एयर कंडीशनर देगा। एक एयर कंडीशनर एक स्क्वेयर फुट जगह को ठंडा करने में लगभग 20 BTU प्रति घंटा खर्च करता है और 3.5 BTU 1 वॉट के बराबर होता है तो इस तरह 1 टन 12000 BTU के बराबर होता है

  •  1 टन का एयर कंडीशनर 100 स्क्वेयर फुट के कमरे को ठंडा करने के लिए सही होता है।
  • 1.5 टन का एयर कंडीशनर 150 स्क्वेयर फुट में बने कमरे को ठंडा करने के लिए सही होता है।
  •  इसी तरह 2 टन का एयर कंडीशनर 200 स्क्वेयर फुट की जगह को ठंडा करने के लिए ठीक माना जाता है।

जरूरत के अनुसार ले एयर कंडीशनर 

एयर कंडीशनर (AC) हमेशा जरूरत के अनुसार ले, क्योंकि अगर आप जरूरत के मुकाबले कम या ज्यादा टन का एयर कंडीशनर (AC) लेते है तो इसका कोई खास फायदा नही होगा।

जैसे अगर आपका कमरा छोटा है और आप ज्यादा टन एयर कंडीशनर लगा लेते हैं तो इससे कमरा तो जल्दी ठंडा होगा लेकिन आपको इसके लिए ज्यादा पैसे देने होंगे क्योंकि 1 टन एयर कंडीशनर के तुलना में 2 और 3 टन के एयर कंडीशनर ज्यादा मंहेंगे होते है और ये बिजली की खपत भी ज्यादा करते है जिससे आपका बिजली का बिल भी ज्यादा आयेगा। साथ ही आपको बता दे की अगर आपका घर टॉप फ्लोर पर है और आपके घर मे ज्यादा मेंबर है तो आपको 1.5 या 2 टन का एयर कंडीशनर (AC) लेना चाहिए।

स्टार रेटिंग को समझे 

स्टार रेटिंग का मतलब कुछ ये समझ लेते है कि जितने कम स्टार वाला एयर कंडीशनर होता है वो उतना कम ठंडक देता है तो आपको बता दे की ऐसा नही है। स्टार रेटिंग का मतलब बिजली की खपत से होता है, कम स्टार रेटिंग वाले एयर कंडीशनर ज्यादा बिजली की खपत करते है आप जितने ज्यादा स्टार रेटिंग वाला एयर कंडीशनर लेंगे वो उतनी ही कम बिजली की खपत करेंगे जैसे अगर एक स्टार वाला एयर कंडीशनर एक दिन में 100 रूपए की बिजली की खपत करता है तो 5 स्टार रेटिंग वाला एयर कंडीशनर 65 से 70 रूपए बिजली की खपत करेगा।(एंड्राइड एप (Android App) बनाकर पैसे कमाए।)

ज्यादा स्टार रेटिंग वाले एयर कंडीशनर मंहेंगे होते है लेकिन ज्यादा स्टार रेटिंग वाले एयर कंडीशनर से बिजली की काफी बचत होती है, इसके अलावा अगर आप 5 से 8 घंटे एयर कंडीशनर चलाते है तो आपके लिए 3 या 4 स्टार रेटिंग वाला एयर कंडीशनर ठीक रहेगा लेकिन अगर 12 से 18 घंटे एयर कंडीशनर चलाते है तो आपको लिए 5 स्टार रेटिंग वाला एयर कंडीशनर सबसे अच्छा रहेगा।

इन्वर्टर एसी क्या है?
What Is Invertor AC?

इन्वर्टर एयर कंडीशनर (Invertor AC) एक नई तकनीक है। जब इन्वर्टर एयर कंडीशनर की बात होती है तो कुछ लोगो को लगता है कि ये एयर कंडीशनर इन्वर्टर पर चलते है लेकिन ऐसा नही है। आपको बता दे की जिस तरह एक आम एयर कंडीशनर लगातार बंद-चालू बंद-चालू होता रहता है।

जैसे की मान लीजिये की अपने एयर कंडीशनर का तापमान 20° डिग्री पर सेट कर दिया है तो एयर कंडीशनर कमरे का तापमान 18° से 20° डिग्री करके बंद हो जायेगा और फिर जैसे-जैसे कमरे तापमान बढेगा एयर कंडीशनर फिर चालू हो जाता है, इसी तरह एयर कंडीशनर काम करता है लेकिन बार-बार बंद और चालू होने की वजह से बिजली की खपत ज्यादा होती है, क्योंकि किसी उपकरण को चालू करने में ज्यादा बिजली की खपत होती है लेकिन इन्वर्टर एयर कंडीशनर में एयर कंडीशनर बार-बार बंद-चालू नही होता है, इसमें एयर कंडीशनर का कंप्रेसर लगातार चालू रहता है।(ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए? )

जैसे अगर अपने एयर कंडीशनर को तापमान 20° डिग्री सेट किया है तो जैसे ही कमरे का तापमान 20° डिग्री हो जायेगा तो एयर कंडीशनर का कंप्रेसर बंद नही होगा वो धीरे धीरे लगातार काम करता रहेगा, जिससे बिजली की खपत बहुत कम होती है, और जैसे ही कमरे का तापमान बढेगा कंप्रेसर भी तेजी से काम करने लगेगा।

इन्वर्टर एयर कंडीशनर में एयर कंडीशनर का कंप्रेसर बंद नही होता है लेकिन कंप्रेसर को जब जितनी पावर की जरूरत होती है उसे उतनी ही पावर की सप्लाई होती है इस वजह से बिजली (Electricity) की काफी बचत होती है लेकिन इन्वर्टर एयर कंडीशनर की कीमत साधारण एयर कंडीशनर से ज्यादा होती है, अगर एक एयर कंडीशनर की कीमत 20 हजार है तो एक इन्वर्टर एयर कंडीशनर की कीमत करीब 30 से 40 हजार के बीच होती है साथ ही आपको बता दे की ऐसा माना जाता है कि इन्वर्टर एयर कंडीशनर 30% ज्यादा बिजली की बचत करते है।

जरुरी बातें

  • एयर कंडीशनर में स्लीप मोड होता है इसका इस्तेमाल करें, ऐसा करने से एयर कंडीशनर सुबह होते ही अपने आप बंद हो जायेगा इससे बिजली की काफी बचत होगी।
  •  इकॉनमी मोड का इस्तेमाल करे क्योंकि इकॉनमी मोड पर एयर कंडीशनर बहुत कम बिजली की खपत करते है और ऐसा करने से कूलिंग और बिजली की खपत में बीच बैलेंस बना रहता है।
  •  एयर कंडीशनर की कूलिंग 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रखे क्योंकि तब यह बहुत कम बिजली की खपत करता है।
  •  एयर कंडीशनर की सर्विस समय समय पर करवाते रहे, अगर आप ऐसा करते है तो एयर कंडीशनर अच्छी तरह से कम करता है और कूलिंग भी बढ़िया करेगा।

कोनसी कंपनी का एयर कंडीशनर खरीदे ?

एयर कंडीशनर खरीदते समय हम ये जरूर देखते की कोनसी कंपनी का एयर कंडीशनर ले कोनसी कंपनी अच्छी है तो आपको बता दे की आप किसी भो कंपनी का एयर कंडीशनर ले पर सबसे पहले उस कंपनी के बारे में ये जरूर जान ले की उस कंपनी के एयर कंडीशनर का सर्विस सेंटर आपके शहर में है या नही, क्योंक अगर उस कंपनी का सर्विस सेंटर आपके शहर में नही तो आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आप ऑनलाइन और ऑफलाइन कहीं से भी एयर कंडीशनर खरीद सकते है लेकिन पहले उसके सर्विस सेंटर के बारे में और वो कंपनी सर्विस कैसी देती है ये जरूर पता कर ले।

कंडेंसर कॉइल कोनसा ले ?

एयर कंडीशनर लेते समय एक बात और ध्यान रखे की जो एयर कंडीशनर आप ले रहे है उसमें कंडेनसर कॉइल कोनसी है एल्युमिनियम है या कॉपर कॉइल है क्योंकि एल्युमिनियम कॉइल का मेंटेनेन्स ज्यादा होता है ओर एल्युमिनियम कॉइल कॉपर कॉइल के मुकाबले जल्दी खराब हो जाती है साथ ही आपको बता दे की कॉपर कॉइल लंबे समय तक चलती है और इनका मेंटेनेन्स भी कम होता है एक बात आपको याद रखना है कि आपको कॉपर कॉइल का ही एयर कंडीशनर लेना है।

तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ आपको एयर कंडीशनर की ये जानकारी पसंद आएगी। जानकारी पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे और ऐसी ही जानकारी पाने के लिए इस वेबसाइट पर विजिट करते रहे ….धन्यवाद

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