क्या साबुन से हाथ धोना सही है – सभी लोगों को अपने हाथों को साबुन से अच्छे से साफ़ करने की सलाह दी जाती है, लेकिन ऐसे में एक सवाल उठता है कि साबुन से हाथ धोना सही है और क्या साबुन की ऊपरी सतह हमेशा साफ़ रहती है.
जैसे अगर एक घर में तीन चार लोग रहते है और वो एक ही साबुन का इस्तेमाल करते है तो क्या उस साबुन की ऊपरी सतह हमेशा एक दम साफ़ रहती है. (क्या साबुन से हाथ धोना सही है)
तो इसका सीधा सा जवाब हैं नही. साबुन की जो ऊपरी सतह या परत होती है वो हमेशा साफ नहीं रहती है. साबुन इंसानी शरीर की गंदगी तो साफ़ कर देता है लेकिन वो खुद पूरी तरह से साफ़ नही रह पाता है.
ज्यादातर लोग मानते है कि साबुन में बैक्टीरिया और वायरस नही टिक पाते है, क्योंकि साबुन इन सब को खत्म कर देता है जबकि ऐसा बिल्कुल भी नही है. साबुन में जो तत्व पाए जाते है उनसे बैक्टीरिया और वायरस खत्म नही होते है.
साबुन हमारे शरीर की गंदगी की गहराई में जाता है और जब व्यक्ति अपने शरीर को रगड़ कर साफ़ करता है तो यह बैक्टीरिया बगैरह शरीर के निकल कर बह जाते है, लेकिन मारते नही है. यानि की साबुन की ऊपरी सतह पर अगर बैक्टीरिया बगैरह हो तो वो उन्हें खुद नष्ट नही करता है.
जब साबुन से हाथ धोये जाते है तो हमारे हाथ तो साफ़ हो जाते है, लेकिन साबुन को ऐसे ही बिना धोये अगर रख दिया जाये तो साबुन पर गंदगी रह सकती है और इस गंदगी में बीमारी फ़ैलाने वाले कीटाणु होते है, और यह साबुन के सूखने तक उसी में रह सकते है लेकिन जब साबुन सूख जाता है तो नमी न मिलने के कारण यह मर जाते है.
लेकिन अगर उस साबुन के सूखने से पहले ही कोई औऱ व्यक्ति उससे हाथ धोता है तो उसके हाथ तक ये कीटाणु पहुँचने की संभावना रहती है.
इसलिए हाथ में साबुन लगाने के बाद, पहले साबुन को धोकर रख देना चाहिए और फिर हाथ धोने चाहिए
नोट – ज्यादातर साबुन बैक्टीरिया और वायरस को मारते नही है सिर्फ सफाई करते है जबकि कुछ साबुन ऐसे भी हो सकते है जिनसे ये नष्ट हो सकते हो.
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