CBSE KA MATLAB – केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (अंग्रेज़ी:Central Board of Secondary Education या CBSE) भारत की स्कूली शिक्षा का एक प्रमुख बोर्ड है। भारत के अन्दर और बाहर के बहुत से निजी विद्यालय इससे सम्बद्ध हैं। इसके प्रमुख उद्देश्य हैं – शिक्षा संस्थानों को अधिक प्रभावशाली ढंग से लाभ पहुंचाना, उन विद्यार्थियों की शैक्षिक आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी होना जिनके माता-पिता केन्द्रीय सरकार के कर्मचारी हैं और निरंतर स्थानान्तरणीय पदों पर कार्यरत हों। केन्द्रीय केन्द्रीय विद्यालय, १७६१ सरकारी विद्यालय, ५८२७ स्वतंत्र विद्यालय, ४८० जवाहर नवोदय विद्यालय और १४ केन्द्रीय तिब्बती विद्यालय सम्मिलित हैं।
इसका ध्येय वाक्य है-
– असतो मा सद्गमय (हे प्रभु ! हमे असत्य से सत्य की ओर ले चलो।)
Cbse के द्वारा संचालित परीक्षाएं-
यह पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के लिए पाठ्यक्रम तैयार करता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) बोर्ड के द्वारा वर्ष में दो मुख्य परीक्षाओं का संचालन किया जाता है। दसवीं कक्षा के लिए अखिल भारतीय सेकेण्डरी स्कूल परीक्षा (एआईएसएसई) और बारहवीं के लिए अखिल भारतीय सिनीयर स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा (एआईएसएससीई)। इसके अलावा अखिल भारतीय इंजिनीयरिंग प्रवेश परीक्षा (एआईईईई) और अखिल भारतीय प्री-मेडिकल परीक्षा (एआईपीएमटी) भी संचालित की जाती है।
CBSE का इतिहास-
सीबीएसई की स्थापना विभिन्न चरणों में हुई थी। स्वतंत्रता पूर्व 1921 में यूपी बोर्ड ऑफ हाई स्कूल एंड इंटरमीडिएट एजुकेशन की स्थापना तत्कालीन सरकार ने की थी। उसके बाद 1929 में देश भर के लिए एक ही बोर्ड – बोर्ड ऑफ हाई स्कूल एंड इंटरमीडिएट एजुकेशन, राजपूताना की नींव रखी गई थी। इसके बाद शिक्षा के स्तर में कुछ सुधार हुआ, लेकिन इस बोर्ड की सीमाएं थीं।
अत: आजादी के बाद 1952 में बोर्ड के संविधान में व्यापक परिवर्तन किए गए और इसमें कई क्षेत्रों का विलय हुआ और इसे नाम मिला सेंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंड्री एजुकेशन। वर्ष 1962 में इसे पुनर्गठित किया गया जिसके पीछे शैक्षणिक संस्थानों को सुचारू रूप से चलाना और जिन अभिभावकों का नित तबादला होता है उनके बच्चों को सुविधाएं प्रदान किए जाने जैसे लक्ष्य थे।
सीबीएसई के अधिकार क्षेत्र में देश की भौगोलिक सीमा से बाहर के भी कुछ स्कूल आते हैं। वैसे पूरे देश में हजारों सरकारी स्कूलों और प्राइवेट स्कूलों के अतिरिक्त 897 केंद्रीय विद्यालय, 480 जवाहर नवोदय विद्यालय और 14 सेंट्रल तिब्बतन स्कूल भी सीबीएसई के अधीन आते हैं। भारत से बाहर स्थित स्कूल दिल्ली स्थित सीबीएसई के दफ्तर के अधीन आते हैं।
बोर्ड के अन्य दफ्तर इलाहाबाद, अजमेर, चेन्नई, गुवाहाटी, पंचकुला, पटना और भुवनेश्वर में स्थित हैं। इस लिहाज से बोर्ड का विकेंद्रीकरण किया गया है। स्थानीय कार्यालय मुख्यालय के अधीन कार्य करते हैं, वैसे उन्हें व्यापक अधिकार दिए गए हैं। सीबीएसई एक स्वायत्त संस्था है और यह अपने खर्च के लिए केंद्र सरकार या किसी अन्य स्त्रोत पर आश्रित नहीं रहती।
CBSE का क्षेत्राधिकार-
बोर्ड का अधिकार क्षेत्र व्यापक है और राष्ट्र की भौगोलिक सीमाओं से बाहर भी फैला हुआ है. पुनर्गठन के बाद ‘दिल्ली माध्यमिक शिक्षा बोर्ड’ का केन्द्रीय बोर्ड में विलय कर दिया गया था. इस तरह से दिल्ली बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी शैक्षिक संस्थाएं भी सीबीएसई बोर्ड का अंग बन गईं
CBSE का विकेन्द्रीकरण-
अपने कार्यों को अधिकाधिक प्रभावशाली ढंग से निष्पादित करने के उद्देश्य से बोर्ड द्वारा देश के विभिन्न भागों में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए गए हैं ताकि सम्बद्ध विद्यालयों के साथ अधिक अनुक्रियाशीलता बढ़ सके। बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय इलाहाबाद, अजमेर, भुवनेश्वर, चेन्नई, देहरादून, दिल्ली, गुवाहाटी, पंचकुला, पटना और तिरुवनंतपुरम में स्थित हैं। भारत के बाहर स्थित विद्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली के अंतर्गत आते हैं। सीबीएसई के क्षेत्रीय कार्यालयों का व्यापक क्षेत्राधिकार है। मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालयों के कार्यकलापों का निरंतर अनुवीक्षण करता है। यद्यपि क्षेत्रीय कार्यालयों को पर्याप्त अधिकार दिए गए हैं तथापि नीतिगत मामले मुख्यालय को भेजे जाते हैं । प्रशासन संबंधी दिन प्रतिदिन के मामले, विद्यालयों से संपर्क, परीक्षा पूर्व और पश्च व्यवस्थाएं सम्बंधित क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा की जाती है ।
CBSE के प्रमुख उद्देश्य-
गुणवत्ता का समझौता किए बिना बच्चों को तनाव रहित, छात्र केन्द्रित और सम्पूलर्णवादी शिक्षा प्रदान करने के लिए शैक्षणिक गतिविधियों के उपयुक्त दृष्टिकोणों को परिभाषित करना।
विभिन्न् पणधारियों से प्रतिपुष्टि प्राप्त् करके शैक्षणिक गतिविधियों का विश्लेकषण और अनुवीक्षण करना
गुणवत्ता् मामलों सहित विभिन्न् शैक्षणिक गतिविधियों के कार्यान्वायन हेतु मानक विकसित करना; बोर्ड के विभिन्न् शैक्षणिक और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के कार्यान्वनयन का नियन्त्रण एवं समन्वय करना; शैक्षणिक गतिविधियां आयोजित करना और इस प्रक्रिया में शामिल अन्य एजेंसियों का पर्यवेक्षण करना
मनोवैज्ञानिक, शैक्षणिक और सामाजिक सिद्धान्तों के साथ अनुरूपता में शैक्षणिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए विधियों को अनुकूल बनाना और नवाचार लाना।
शिक्षक एवं छात्र अनुकूल तरीके से छात्रों की प्रगति का लिखित प्रमाण देने के लिए विद्यालयों को प्रोत्सानहित करना।
राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप विद्यालय शिक्षा में गुणवत्ता बेन्च मार्क प्राप्त करने के लिए योजनाएं सुझाना।
शिक्षकों की व्यायवसायिक सक्षमता अद्यतन करने के लिए विभिन्न क्षमता निर्माण तथा सशक्तिकरण कार्यक्रमों का आयोजन करना।
कक्षा 10 वीं और 12 वीं के अंत में सार्वजनिक परीक्षाएं आयोजित करना और परीक्षाओं के लिए शर्तें निर्धारित करना। सम्बिद्ध विद्यालयों के सफल छात्रों को अर्हक प्रमाण पत्र प्रदान करना।
ऐसे छात्रों की शैक्षिक अपेक्षाएं पूरी करना जिनके माता-पिता स्थानान्तरणीय नौकरी में हैं।
परीक्षाओं के लिए अनुदेशों की विधि को निर्धारित और अद्यतन करना।
परीक्षा के उद्देश्य से संस्थाओं को संबद्ध करना और देश के शैक्षणिक स्तर को बढ़ाना।
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सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) और इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (ICSE) भारत में अलग-अलग सिलेबस, एजुकेशन और एग्जाम पैटर्न के साथ सेल्फ फाइनेंसिंग स्कूल एजुकेशन बोर्ड हैं।ICSE और CBSE का पूर्ण रूप क्या है?