गंजेपन से है परेशान तो जरूर पढ़े

गंजेपन क्या होता है?  क्या आप बिना बालों के मानव की कल्पना कर सकते हैं? यकीनन आप में से अधिकांश का उत्तर होगा ‘ऐसी कल्पना अटपटी और हास्यास्पद है’ । सच भी है कि बाल इस तरह हमसे जुड़े हैं कि उनके बिना हमार व्यक्तित्व अधूरा लगता है ।

बाल हमारी त्वचा का अवयव हैं जो सर्दी, गर्मी तथा दुर्घटनाओं से उसकी रक्षा करने के साथ−साथ हमारे सौन्दर्य के परिचायक होते हैं । महिला हो या पुरुष Baldness सभी को खलता है । कोई नहीं चाहता कि लोग उसे गंजा कहें । मगर आजकल गंजापन एक आम समस्या बनती जा रही है।

गंजेपन से है परेशान तो जरूर पढ़े
गंजेपन से है परेशान तो जरूर पढ़े

सिर (खोपड़ी) से अत्याधिक बालों के झड़ने की समस्या को गंजापन के रूप में संदर्भित किया जाता है। उम्र के साथ बालों का झड़ना गंजेपन का सबसे आम और वंशानुगत कारण होता है। कुछ लोग अपने Baldness का इलाज करवाना और उसे छिपाना पसंद नहीं करते, तो कुछ लोग अपने गंजेपन को हेयर-स्टाईल, मेक-अप, टॉपी या स्कॉर्फ आदि से ढक लेते हैं। कुछ लोग अपने टूटते बालों को रोकने व उसे फिर से उगाने के लिए उपचार का सहारा लेते हैं।

गंजेपन के प्रकार 

सिर के गंजेपन के निम्न प्रकार होते है

(1) टेलोजन एफ्लुवियम – टेलोजन एफ्युवियम बालों के अस्थायी रूप से झड़ने का एक प्रकार है । यह समस्या बालों के वृद्धि चक्र में बदलाव के कारण उत्पन्न होती है । इसमें एक ही समय में काफी सारे बाल झड़ने/गिरने लगते हैं । बालों के झड़ने का यह प्रकार अचानक पैदा हो सकता है तथा यह इतना गंभीर होता है कि बाल थोड़े ही समय में पतले हो सकते हैं और उनकी वृद्धि धीमी पड़ सकती है साथ ही यह समस्या लंबे समय तक जारी रह सकती है।

(2) एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया (एजीए) – एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया बालों के झड़ने का एक जेनेटिक प्रकार है और उसे पुरूषों तथा स्त्रियों दोनों में देखा जाता है। पुरूषों में इसे मेल पैटर्न्ड बाल्डनैस (एमपीबी) तथा स्त्रियों में फीमेल पेटर्न्ड बाल्डनैस (एफपीबी) कहा जाता है। इस प्रकार से बालों का झड़ना बीस वर्ष की उम्र में भी शुरू हो सकता है । इसमें हेयरलाइन घटने लगती है तथा गंजापन पहले क्राउन में देखा जा सकता है जिससे पुरूषों में सिर के पीछे की तरफ तथा किनारों पर बाल एक पट्टी के रूप में बचे रहते हैं । स्त्रियों में, पुरूषों की तरह पूरे Baldness की नौबत नहीं आती है । स्त्रियों में सिर से बाल विभाजक रेखा से कम होने लगते हैं । प्रभावित हिस्सा ‘क्रिसमस ट्री’ की तरह नजर आता है समय पर उपचार इस समस्या को गंजेपन की तरफ बढ़ने से रोक सकता है।

(3) एलोपेसिया अरेटा – एलोपेसिया अरेटा गुच्छों में बालों के झड़ने का एक सबसे आम प्रकार है। यह समस्या सिर के छोटे हिस्से में गंजेपन के रूप में उभरती है। यह अचानक और काफी कम समय में पैदा हो सकता है। गुच्छों में बालों का झड़ना कोई जानलेवा समस्या नहीं है, मगर यह किसी व्यक्ति की अपनी छवि को काफी क्षति पहुंचा सकता है। एलोपेसिया अरेटा एक ऑटोइम्यून दशा है, जिसमें सफेद रक्त कोशिकाएं (डब्ल्यूबीसी) बालों के फॉलिक्यूल्स पर हमला करके उन्हें नष्ट कर देती है । इससे बाल तेजी से झड़कर गंजेपन के पैच बना देते हैं। एलोपेसिया अरेटा संक्रामक नहीं है तथा यह दूसरों की कंघी या ब्रश का इस्तेमाल या प्रभावित व्यक्ति से संपर्क से नहीं फैलता है। यह हर उम्र के स्त्री व पुरूषों को समान रूप से प्रभावित कर सकता है।

(4) रिंग एलोपेसिया- त्वचा में निशान पड़ने पर, त्वचा में रोम कूप (फॉलिकल्स) की जगह स्थायी रूप से निशान वाले टिश्यू ले लेते हैं। इसे स्क्रैरिंग हेयर लॉस या सिसाट्रिकल एलोपेसिया के नाम से जाना चाता है। ऐसे हिस्सों में बालों की हानि स्थायी तथा अपूरणीय होती है। स्कैरिंग हेअर लॉस यानी निशान के साथ बालों का झड़ना हर उम्र के स्त्रियों तथा पुरूषों में देखा जा सकता है। कुछ मामलों में, यह स्थिति धीरे-धीरे उत्पन्न होती है, जबकि अन्य मामलों में सिर पर चोट लगने के पश्‍चात यह स्थिति तुरन्त उभर आती है यह दशा आम तौर पर तब पैदा होती है जब बालों के फॉलिकल नष्ट हो जाते हैं और उनका स्थान स्कैर टिश्यू ले लेते हैं सरल शब्दों में कहें तो सिर पर कोई चोट या संक्रमण स्कैर टिश्यू पैदा कर सकती है। ऐसे में स्कैरिंग बालों का झड़ना किसी केमिकल रिलेक्सर्स, पर्म्स तथा हेयर कलर सिमें ब्लीच हो, के इस्तेमाल से उत्तेजित हो सकता है।

गंजेपन के कारण –

  1. किसी भी प्रकार का शारीरिक आघात, सर्जरी, कोई दुर्घटना या कोई गंभीर बीमारी बाल झड़ने का कारण बन सकती है।
  2. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत सारे हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं।
  3. यदि आहार में प्रोटीन कि कमी हो जाती है, तो शरीर बालों कि वृद्धि रोककर शरीर में बची प्रोटीन को बचाने कि कोशिश करता है। यह प्रोटीन सेवन में कमी होने के दो या तीन महीने के बाद होने लगता है।
  4. गर्भनिरोधक गोलियां अचानक से छोड़ देना या बदलना अक्सर हार्मोन में बदलाव का कारण बनता है, जिससे बाल झड़ने लगते हैं और अगर परिवार में गंजेपन की बीमारी पहले से ही है तो इसके होने की संभावनाएं और अधिक बढ़ जाती हैं।
  5. शरीर में विटामिन बी की कमी होना भी गंजेपन का एक कारण है।
  6. दाद जैसे संक्रमण खोपड़ी की त्वचा पर हमला करते हैं, जिस कारण से त्वचा पर परतदार दाद बनने लगते हैं और बाल झड़ने लगते हैं।
  7. कैंसर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ प्रकार की दवाएं (जैसे-कीमोथैरपी) बालों के झड़ने का कारण बनती हैं।
  8. सिर पर चोट लगने की वजह से भी बाल झड़ सकते हैं, जो गंजेपन का कारण बनता है।

गंजेपन के लक्षण – Symptoms of Baldness in Hindi

बालों के झड़ने को नजरअंदाज न करें, यह आपके आने वाले गंजेपन का लक्षण हो सकता है । गंजेपन के कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं ।
•गंजेपन सिर के मध्य से दिखाई देने शुरू होता है।
•बालों का पतला होना गंजेपन का लक्षण हो सकता है, क्योंकि इस कारण बाल झड़ने लगते हैं ।
•कंघी करते या बालों को धोते समय अधिक बाल हाथ में दिखाई दे रहे हैं, तो यह गंजेपन की निशानी हो सकता है ।
•पूरे शरीर के बालों का झड़ना भी गंजेपन की ओर इशारा हो सकता है ।
•बालों का टूटना भी गंजेपन का लक्षण हो सकता है ।

गंजेपन की समस्या को दूर करने के टिप्स –

1. अपने भोजन में सब्जियां, सलाद, मौसमी फल, अंकुरित अन्न का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। जंक फूड के बजाय घर का पौष्टिक भोजन करें । पानी भरपूर मात्रा में पिएं ।

2. बालों को जब भी शैंपू करें, उंगलियों के पोरों से हल्के-हल्के मसाज करें । ऐसा करने से आपके सिर का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा ।

3. एंटी डैंड्रफ शैंपू का ज्यादा प्रयोग न करें, क्योंकि इससे सिर की नेचुरल नमी खत्म हो जाती है ।

4. गंदे बालों पर जैल या कोई हेयर स्प्रे न करें । इससे बालों को नुकसान हो सकता है । अगर बाल कमजोर हैं तो उन्हें स्ट्रेट, कर्ली नहीं करवाना चाहिए । उन पर जैल या हेयर कलर भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इन उत्पादों में रसायन मिले होते हैं । ये बालों को धीरे-धीरे खराब कर देते हैं ।

5. हर समय कैप न पहनें । इससे पसीना, कीटाणु और गंदगी सिर के किनारों पर जम जाती है । बालों की जड़ों को नुकसान होता है और बाल गिरने शुरू हो जाते हैं ।

6. गीले बालों में कंघा न करें, दिन में तीन-चार बार कंघा करें। ऐसा करने से बालों में जमीं तेल की चिपचिपाहट दूर होंगी और नए बाल उगने में मदद मिलेगी ।

7. सिर पर तेल से मसाज करें । आप सरसों और जैतून के तेल को बराबर मात्रा में मिला कर बालों में हल्के-हल्के उंगलियों के पोरों से मसाज करें । मसाज करने के बाद तौलिये को गर्म पानी में भिगोएं फिर उसे निचोड़कर सिर को भाप दें । इससे सिर की त्वचा के रोमछिद्र खुल जाते है और तेल बालों की जड़ों के अंदर तक समा जाता है । इससे आपके बाल मजबूत होंगे ।

8. आपको लगे कि गंजेपन की शुरुआत होने लगी है तो बालों को छोटा करवा लें ।

इसके अलावा बालों के लिए कुछ घरेलू उबटन भी बना कर लगा सकते है।

अंडे की जर्दी को बालों में लगाएं और आधे घंटे बाद शैंपू से बालों को धो लें । ऐसा सप्ताह में एक बार करें, आपके बाल मजबूत होंगे । अपने सिर को दही से धोएं और थोड़ी देर बाद बथुए के पानी से दोबारा सिर धोएं। ऐसा करने से गंजेपन की समस्या दूर होगी । रात में मेथी के बीजों को पानी में भिगो दें और सुबह इन्ह पीसकर लेप बनाकर बालों पर लगा लें । ऐसा कुछ दिनों में नए बाल उगने लगेंगे ।

जाँच और परीक्षण –

एलोपीशिया का निर्धारण शारीरिक परीक्षण, पारिवारिक और चिकित्सीय इतिहास के आधार पर किया जाता है । एलोपीशिया के कारणों के निर्धारण के लिए कुछ अन्य जाँचें भी की जाती हैं, जिनमें हैं:बालों को खींचना; जिसमें कई बालों को खींचकर ये देखा जाता है कि कितने बाल निकलते हैं । सिर से त्वचा खुरचकर त्वचा और बालों के नमूने लिए जाते हैं, जिससे बाल झड़ने का कारण कोई संक्रमण है ये पता लगाया जा सके । पंच बायोप्सी में त्वचा की भीतरी परतों से छोटा टुकड़ा निकाला जाता है (आमतौर पर यह जाँच तब की जाती है जब रोग निर्धारण में कठिनाई हो) । स्क्रीनिंग जाँच ये जानने के लिए कि कहीं अन्य कोई रोग बाल झड़ने का कारण तो नहीं हैं ।

गंजेपन से जुड़े कुछ सवाल-जवाब

Q1. एलोपीशिया (गंजापन) क्या है?

एलोपीशिया बाल झड़ने हेतु उपयोग किया जाने वाला सामान्य शब्द है । यह त्वचा के किसी भी बाल युक्त स्थान पर हो सकता है ।

Q2. क्या एलोपीशिया संक्रामक होता है?

एलोपीशिया संक्रामक नहीं होता । यह तंत्रिकाओं के कारण नहीं होता । एलोपीशिया में प्रतिरक्षक तंत्र रोम कूपों (जहाँ बालों की जड़ होती है) पर आक्रमण करता है, जिससे बाल झड़ते हैं ।

Q3.एलोपीशिया से ठीक होने में कितना समय लगता है?

अक्सर एलोपीशिया के मंद मामले उचित आहार और जीवन शैली के साथ कुछ महीनों में अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। कई लोगों के बाल वर्षों तक झड़ते और उगते रहते हैं ।

कुछ मामलों में, बाल रहित हिस्सों का आना और जाना कई महीनों और सालों तक होता है । बाल रहित हिस्से या हिस्सों का आकार और वे कब तक रहेंगे, ये परिवर्तनीय होता है ।

यदि सिर का आधे से अधिक हिस्सा प्रभावित है, और कोई उपचार नहीं किया जा रहा, तब 10 में 8 मौकों पर एक साल में बालों के पूरी तरह विकसित होने के अवसर होते हैं ।

अत्यधिक तीव्र बाल झड़ने की स्थिति में बालों के फिर से विकसित होने के अवसर कम होते हैं ।

Q4.एलोपीशिया के बचाव के लिए व्यक्ति को किस प्रकार के आहार की सलाह दी जानी चाहिए?

कुपोषण या आहार की कमी से उत्पन्न एलोपीशिया को रोकने के लिए विटामिन, आयरन, प्रोटीन, बायोटिन सहित उचित संयुक्त आहार लिया जाना चाहिए । पशुजन्य वसा और एसिड उत्पन्न करने वाले आहार की अधिक मात्रा नहीं लेना चाहिए ।

Q5. बालों का झड़ना कम करने के लिए व्यक्ति को क्या करना चाहिए?

बालों के स्प्रे, जेल और क्रीम का प्रयोग कम करें क्योंकि इनमें तीव्र रासायनिक तत्व होते हैं, जो कि सिर की त्वचा को शुष्क करते हैं और पपड़ी बनाने में सहायक होते हैं । इसके अलावा कड़े प्रयोग जैसे पर्म करना, रंग करना और रिलेक्सर का प्रयोग आपके बालों की सेहत पर प्रभाव डालता है ।

अपने शैम्पू और कंडीशनर बार-बार ना बदलें । किसी अच्छे मंद क्लींजिंग शैम्पू को अपनाएँ और बदलने से पहले छः माह तक प्रयोग करें ।

बिना उचित सुरक्षा के सूर्य, प्रदूषण, बारिश का पानी और धूल का सामना करने से बाल सूखे, भंगुर और कमजोर होते हैं । वर्षा के समय बालों की और सिर की नमी से सुरक्षा के लिए मंद कंडीशनर का प्रयोग करें और उन्हें धोकर भली प्रकार तेल लगाएँ ताकि सिर की त्वचा स्वस्थ बनी रहे ।

ये भी पढ़े – 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here