पथरी (Stone) क्या है Kidney Stone और Gallbladder Stone कैसे बनते है

पथरी (Stone) क्या है kidney stone और Gallbladder stone कैसे बनते है – आज के समय में हमारे शरीर में बीमारियाँ ऐसी हैं जिनका शरीर में होना अब सामान्य सी बात माना जाने लगा है उनमें से एक बीमारी है- पथरी (स्टोन) Stone की समस्या। पथरी दो प्रकार की होती है- (1) किडनी (गुर्दा) में होने वाली पथरी (2) पित्ताशय की पथरी
दोनों अवस्थाओं में पीड़ित व्यक्ति के पेट में बहुत दर्द होता है। पथरी से होने वाला दर्द कितना कष्टकारी होता है ये वही व्यक्ति समझ सकता है जो इस पथरी (स्टोन) की समस्या से पीड़ित हो चुका हो।

पथरी (Stone) क्या है Kidney Stone और Gallbladder Stone कैसे बनते है
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Stone की समस्या मुख्य रूप से किडनी, मूत्रवाहिनी और मूत्राशय में होती है। Stone का साइज चावल के दाने जितना छोटा भी हो सकता है और टेनिस बाॅल जितना बड़ा भी। आयुर्वेद व होम्योपैथिक तकनीक द्वारा पथरी का इलाज के लिए कई औषधियाँ है लेकिन इन औषधियों के इस्तेमाल से पथरी न निकलने पर ऑपरेशन के द्वारा भी पथरी Stone को समाप्त किया जा सकता है।

छोटे साइज की Stone कई बार से आसानी से पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाती है लेकिन Stone का साइज बड़ा होने पर वह आसानी से शरीर से बाहर नहीं आती। 5 मिमी के साइज की पथरी होने पर वह पेशाब द्वारा शरीर से बाहर निकल जाने की संभावना होती है लेकिन 5 मिमी. से 10 मिमी. की Stone होने पर उसके शरीर से बाहर निकलने की संभावना 50 प्रतिशत होतीे है।

पथरी क्यों और कैसे बनती है ?

(1) किडनी (गुर्दा) में होने वाली पथरी (किडनी स्टोन) Kidney Stone – हमारे शरीर में किडनी (गुर्दा) का मुख्य कार्य हमारे रक्त (Blood) में से हानिकारक विषाक्त पदार्थों toxic substances को बाहर निकालकर रक्त को शुद्ध करने का होता है और ये हमारे शरीर से इन विषाक्त पदार्थों को यूरिन या पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देती है लेकिन कई बार यूरिन या पेशाब के साथ निकलने वाले क्षारीय तत्व किन्हीं कारणों से पेशाब द्वारा बाहर नहीं निकल पाते और ये मूूत्राशय, गुर्दे और मूत्र नलिका में इकट्ठे होने लगते हैं और ये इकट्ठे होकर ठोस रूप में बदलकर एक कंकड़ का रूप लेने लगते हैं धीरे-धीरे इनका आकार बढ़कर बड़ा रूप ले लेता है जो दर्द का कारण बनता है यह दर्द बहुत तकलीफदायक होता है। इसे ही गुर्दा की पथरी या किडनी स्टोन (Kidney Stone) कहा जाता है।

इलाज – (किडनी स्टोन) Kidney Stone या किडनी में Stone की समस्या होने पर आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल करके भी ठीक किया जा सकता है कई बार छोटे साइज की Stone पेशाब के साथ निकल जाती हैं। berberis vulgeris नामक दवा इसके लिए काफी कारगर है। इसके अलावा पथरचटा नामक पौधे का इस्तेमाल इसके उपचार में बहुत लाभदायक है।

दवाओ के इस्तेमाल से Stone की समस्या हल नहीं हो पाती है तो किडनी की पथरी (Kidney Stone) को निकालने के लिए ऑपरेशन करके निकाला जाता है 10 mm. से कम साइज की पथरी को बिना छेद किए बिना ही लेजर द्वारा तोड़ दिया जाता है और वह टूटकर शरीर से बाहर निकल जाती है यदि Stone का साइज 10 mm से अधिक है तो उसके लिए शरीर में पीठ की ओर से छेद करके माइक्रोस्कोप (microscope) का इस्तेमाल करके लेजर (Laser) द्वारा तोड़ा जाता है।

(2) पित्ताशय की पथरी (Gallbladder Stone) – पित्ताशय की पथरी बनने का कारण पित्ताशय (Gallbladder) मे कोलेस्ट्रोल (cholesterol), बिलीरुबिन (bilirubin) एवं पित्त लवणों (Bile salts) के जमने के कारण होता है। पित्त का निर्माण लीवर में और स्टोरेज गाॅल ब्लैडर में होता है इस पित्त का मुख्य कार्य भोजन के वसा युक्त पदार्थ के पाचन में मदद करना होता है। अब पित्त में कोलेस्ट्राॅल की मात्रा अधिक होती है तो यह अधिक कोलेस्ट्राॅल कठोर होकर स्टोन या पत्थर में बदल जाता है इसे ही पित्ताशय की Stone पित्ताशय की पथरी (Gallbladder Stone) कहा जाता है।

(3) पित्ताशय की पथरी का इलाज – आयुर्वेद व होम्यापैथी तकनीक का इस्तेमाल इसके इलाज में किया जाता है लेकिन कई बार ऐसा भी होता है इस तकनीक द्वारा Stone नहीं निकलती है तो इसके लिए सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें ऑपरेशन द्वारा पित्ताशय की थैली (Gall Bladder) को निकाल दिया जाता है और पित्त का निर्माण लीवर द्वारा होता रहता है
ध्यान रहे बिना डाॅक्टरी सलाह के किसी भी औषधि या दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

पथरी होने के लक्षण-

* पेट में दर्द होना।
* पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना।
* उबकाई आना।
* बुखार आना।
* पेशाब करने पर जलन होना।
* पेशाब में खून का निकलना।
* पेशाब का अचानक बंद हो जाना।
* बैठने या झुकने पर दर्द होना।

पथरी की समस्या से बचने के उपाय-

किसी बीमारी के होने पर इलाज करवाने से अच्छा है उसे बीमारी को शरीर में होने ही न दें। इसी प्रकार दैनिक जीवन में कुछ सावधानियाँ अपनाने से Stone होने की संभावना कम हो जाती है-

* अधिक से अधिक पानी पीऐं-किडनी स्टोन होने का मुख्य कारण शरीर में पानी की कमी होती जहाँ तक संभव हो दिन में 5 से 6 लीटर पानी पीएँ।
* तरल पदार्थो का अधिक सेवन करें।
* कैल्शियम की अधिकता वाले भोजन का इस्तेमाल बंद करें। मांस, मछली, अंडे, चाॅकलेट्स न खाएं, गुर्दे की पथरी में अंडे का इस्तेमाल कर सकते है
* तले-भुने खाद्य पदार्थो, जंक फूड, नमक का इस्तेमाल कम करें।
* शारीरिक सक्रियता को बढ़ायें, प्रतिदिन व्यायाम करें।
* जहाँ तक संभव हो सके शुद्ध पानी पीयें।
* बीज युक्त सब्जियाँ टमाटर, बैंगन, चना, शकरकंद, शलजम, पालक का सेवन बंद करना चाहिए।
* एक बार पथरी की समस्या होने पर दूसरी बार पथरी होेने की संभावना अधिक होती है। इसलिए सावधानी बरतें।
* धूम्रपान व शराब का सेवन बंद करें।

नोट – यह लेख आपकी जानकारी के लिए है डाॅक्टर की सलाह लिए बिना किसी भी दवा का इस्तेमाल न करें।

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Q.1 पथरी होने पर पालक का इस्तेमाल लाभदायक है ?

Ans. नहीं, गुर्दे की पथरी होने पर ये बहुत नुकसानदायक है.

Q.2 तरल पेय पदार्थ पथरी की समस्या होने पर लाभदायक होते हैं?

Ans. कोल्ड ड्रिंक का इस्तेमाल पथरी की समस्या को और बढाता है.

Q.3 पथरी होने पर विटामिन सी युक्त पेय पदार्थ का इस्तेमाल लाभदायक है ?

Ans. विटामिन सी की अधिक मात्रा से नुकसान होता है।

Q.4 क्या कम पानी पीने से पथरी की समस्या उत्पन्न होती है ?

Ans. हाँ, कम पानी पीने की वजह से पथरी होने के chances अधिक होते है.

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