मांसाहार (Non-veg) खाने से शरीर को होने वाले नुकसान

मांसाहार (Non-veg) खाने से शरीर को होने वाले नुकसान – प्रकृति ने हमारी संरचना शाकाहारी भोजन के अनुकूल बनाई है चाहे वो हमारे दाँत हो या आँत हो या फिर पाचन तंत्र (Digestion System) ही क्यों न हो। शाकाहारी भोजन प्रकृति द्वारा दिया भोजन है और हमें ये मुख्य रूप से पेड़-पौधों से प्राप्त होता है जैसे अनाज, फल, दालें आदि जो प्रकृति द्वारा हमारे लिये पर्याप्त मात्रा में और आसानी से उपलब्ध भी हैं इस भोजन को शाकाहारी (Vegetarian) भोजन की श्रेणी में रखा जाता है लेकिन वहीं मांसाहारी भोजन की बात करें तो वो हमें किसी जीव की हत्या करके ही प्राप्त होता है और मांसाहार भोजन करने वाले व्यक्ति को मांसाहारी (Non vegetarian) कहा जाता है।
कई लोगों का मानना है कि शाकाहारी भोजन की तुलना मेें मांसाहार से हमारे शरीर के विकास के लिए आवश्यक प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स प्राप्त होते हैं लेकिन ये सभी पोषक तत्व के अलावा कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर हमें वेज खाद्य पदार्थों से पर्याप्त मात्रा में मिल सकते हैं और वो भी बिना किसी पशु की हत्या किये बिना। अधिकांश लोगों मानना है कि मांसाहारी जीव एक शाकाहारी जीव की तुलना में शारीरिक दृष्टि से अधिक ताकतवर, बलशाली होता है ? यदि आपका भी यही मानना है तो इसके लिए हम हाथी या भैंसा (पूर्णतः शाकाहारी जीव) और शेर (मांसाहारी) का उदाहरण लिया जाये तो इन दोनों जानवरों में शेर को उठाकर फेंकने की ताकत होती है इसलिए जरूरी नहीं कि मासांहार मानव शरीर के लिए अनिवार्य हो।

वर्तमान समय देशी एवं विदेशी वैज्ञानिकों द्वारा किये गये कई रिसर्च में मांसाहारी भोजन को मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक बताया है जिससे अधिक मात्रा में लोग मांसाहार को छोड़कर शाकाहार की ओर आकर्षित हुए हैं।

आखिर मांसाहारी भोजन से हमारे शरीर को क्या नुकसान होते हैं आइये जानते हैं-

(1) पाचन में परेशानी – हमारे देश में भोजन में मुख्य रूप से रोटी एवं चावल का इस्तेमाल किया जाता है। गेहूँ की रोटी में कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में उपलब्ध होते हैं साथ ही आटे में उपस्थित चोकर हमारे भोजन को पचाने में मदद करता है साथ ही सलाद का इस्तेमाल करने इसमें उपस्थित रेशे (फाइबर) हमारे भोजन को पचाने के लिए जरूरी होते हैं जबकि नाॅनवेज या मांसाहारी भोजन में ये फाइबर शरीर को नहीं मिल पाते जिसके कारण पाचन (डाइजेशन) की समस्या उत्पन्न होकर बीमार होने का कारण बनता है।मांसाहार क्यों गलत है?

कमजोर लीवर वाले व्यक्ति के लिए तो यह भोजन और भी नुकसानदायक हो सकता है इसके अलावा नाॅनवेज खाद्य पदार्थो में प्रोटीन की मात्रा अधिक मात्रा में होती है और बहुत से व्यक्तियों को एनीमल फैट और एनीमल प्रोटीन को पचाने में समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। कब्ज और एसिडिटी की समस्या इस कारण पैदा होती है।

(2) कैंसर होने का खतरा – इंग्लैंड और जर्मनी में बड़े अध्ययनों से पता चला है कि मांस खाने वालों की तुलना में शाकाहारियों के शरीर में कैंसर होने की संभावना लगभग 40 प्रतिशत कम होती हैकैंसर होने का खतरा इसके अलावा मांस में एनिमल प्रोटीन, हार्मोन, संतृप्त वसा या सैचुरेटेड फैट इसके अलावा कार्सिनोजेनिक (कैंसर को बढाने वाले यौगिक) जैसे हेट्रोसायक्लिक एमाइन (एचसीए) और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) होते हैं जो फ़ूड प्रोसेसिंग या खाना पकाने के दौरान बनते हैं। इसके अलावा कई वैज्ञानिक रिसर्च के बाद यह बात साबित हो चुका है कि आँतों और फेफड़ों के कैंसर के अलावा स्तन कैंसर होने का कारण मांसाहार भी हो सकता है ।

(3) मोटापे की समस्या होना- मासांहारी भोजन में प्रोटीन की अधिकता होती है जिससे नाॅनवेज खाने वाले व्यक्तियों में शाकाहारियों की तुलना में मोटे होने की संभावना अधिक होती हैंमोटापे की समस्या होना साथ ही उनका बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स)- आपके शरीर की लम्बाई के और उम्र के अनुरूप आपका वजन होना) भी शाकाहारियों की तुलना में अधिक होता है जो कि शरीर में रोग की अधिकता होने की संभावना को बढ़ाता है। शाकाहारी व्यक्ति अधिक मात्रा में फाइबर, खनिज का इस्तेमाल करता है इससे बीएमआई कम रहने से ब्लड प्रेशर और ब्लड में कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी कम रहती है। इसके अलावा हृदय रोग की समस्या भी मांसाहार के कारण उत्पन्न हो सकती है।

(4) मधुमेह या डायबिटीज बीमारी होने की संभावना अधिक – अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अधिक मात्रा में पशु प्रोटीन खाने वाले व्यक्तियों में मधुमेह होने की संभावना 22 प्रतिशत अधिक होती है।मधुमेह या डायबिटीज बीमारी होने की संभावना अधिक

(5) फूड पाॅइजनिंग की समस्या होना- फार्म आदि पर पशुओं से अधिक मात्रा में मांस प्राप्त करने के लिए और पशुओं को रोगों से बचाने के लिए उनको खाने में ऐसे खाद्य पदार्थो का इस्तेमाल किया जाता हैफूड पाॅइजनिंग की समस्या होना जिसमें अधिक मात्रा में एंटीबायोटिक मौजूद रहते हैं और ये घातक एंटीबायोटिक्स पशुओं के मांस खाने के साथ हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिससे फूड पाॅइजनिंग होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा शरीर में कुछ समय के बाद एंटीबायोटिक गतिरोध भी हो सकता है जो कि स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

(6) जीवनकाल या औसत आयु कम होना- एक अध्ययन के अनुसार मांस खाने वाले व्यक्तियों की उम्र शाकाहारियों की तुलना में 12 % कम होती है। यानि मांसाहारी व्यक्ति की तुलना में शाकाहारी व्यक्ति अधिक समय तक जीवित रहते हैं। यानि आपको भी अधिक समय तक खुशहाल जीवन की कामना है तो आपको मांसाहार को छोड़कर शाकाहार अपनाना चाहिए।

याद रखिये मांस किसी जानवर को मार कर प्राप्त होता है और मृत्यु से सभी को डर लगता है और इस अवस्था में जानवर के शरीर की ग्रन्थियों में हानिकारक रसायन निकलते हैं जो मांस में अवशोषित हो जाते हैं अब यही हानिकारक रसायन को आप भोजन के लिए इस्तेमाल करेंगे तो क्या होगा सोचिये.

हिन्दू धर्म में श्रीमद्भगवतगीता, ऋग्वेद , महाभारत में मांसाहार के सेवन को वर्जित माना गया है।

वर्तमान में हमारे देश के अलावा विदेशों में भी लोगों ने अपने बेहतर स्वास्थ्य और लंबे जीवन की आशा में मासांहार भोजन को खाना बंद कर दिया है। आप भी अपने भोजन के लिये किसी जीव की हत्या का पाप लेने के बजाय बेहतर स्वास्थ्य और लंबे जीवन के लिए शाकाहार को अपनाइए।
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Q.1 मांसाहारी लोगों को किन-किन बीमारियाँ होने की संभावना होती है ?

Ans. डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी, कैंसर, गुर्दे का रोग, अल्सर, बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू जैसी कई बीमारियां होने की अधिक सम्भावना होती है.

Q.2 क्या मांसाहार सेवन का दुष्प्रभाव मानव उम्र्र पर होता है ?

Ans. शाकाहारी भोजन करने वाले मनुष्य की उम्र मांसाहारी व्यक्ति की तुलना में अधिक होती है.

Q.3 अंडे शाकहारी होते हैं या मांसाहारी।

Ans. मांसाहारी

Q.4 कमजोर पाचन वाले व्यक्ति को मांस का सेवन करना चाहिए ?

Ans. चूंकि मांस को पचाने के लिए उसमें कोई फायबर नहीं होता है इसलिए ये पाचन की समस्या उत्पन्न कर सकता है जिन व्यक्तियों का पाचन कमजोर है उनको मांसाहार से दूर रहना चाहिए।

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