Shilajit Ke Fayde Aur Nuksaan In Hindi जानिए हिंदी में।

Shilajit Ke Fayde Aur Nuksaan क्या है? जानिए हिंदी में। – नमस्कार, आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे शिलाजीत के बारे में, की शिलाजीत क्या है ये कैसे होता है, शिलाजीत का सेवन कैसे किया जाता है, शिलाजीत के क्या-क्या फायदे है? शिलाजीत के नुकसान क्या-क्या है? शिलाजीत (Shilajit) का सेवन किसे करना चाहिये और किसे नही, असली शिलाजीत (Shilajit) को कैसे पहचाने? इस आर्टिकल में में आपको शिलाजीत (Shilajit) की संपूर्ण जानकारी आसान भाषा में उपलब्ध कराने की हमने कोशिस की है। तो चलिए शुरू करते है…

Shilajit Ke Fayde Aur Nuksaan In Hindi जानिए हिंदी में।
शिलाजीत के फयदे और नुक्सान जाने आसान भाषा में

1. शिलाजीत क्या है?

Shilajit Kya Hai? – आप सभी ने शिलाजीत (Shilajit) का नाम तो जरूर सुना ही होगा, शिलाजीत (Shilajit) गाढ़ा भूरे रंग का, चिपचिपा पदार्थ होता है और ये मुख्यतः हिमालय की चट्टानों से पाया जाता है। शिलाजीत का रंग गाढ़ा भूरा या काला होता है लेकिन अधिकतर इसका रंग गाढ़ा भूरा होता है। शिलाजीत (Shilajit) कई तरह के औषधीय पेड़-पौधों के सड़ने से तैयार होता है या यूँ कह लीजिये की शिलाजीत एक दुर्लभ खनिज पदार्थ है जो हजारों सालों से पेड़-पौधों के विघटन से बनता है। आमतौर पर शिलाजीत (Shilajit) इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा में होता है। बता दे की आयुर्वेद में शिलाजीत (Shilajit) को एक शक्‍तिवर्द्धक पदार्थ माना जाता है क्‍योंकि ये हमारी संपूर्ण सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। शिलाजीत (Shilajit) का मतलब होता है ‘पहाड़ों को जीतने वाला और कमजोरी को दूर करने वाला’। तो इस बात से आप ये अंदाज़ा लगा सकते है कि ये हमारी सेहत के लिए कितना लाभकारी होता है।

जानकारी के लिए बता दे की शिलाजीत (Shilajit) मई और जून की कड़ाके की गर्मी में पहाड़ों के पसीने के रूप में निकलता हैं, ये हिमालय के पहाड़ में, भारत के उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश व कश्‍मीर में शिलाजीत (Shilajit) सबसे ज्‍यादा पाया जाता है। इसके अलावा ये नेपाल, चीन, तिब्बत, पाकिस्तान में भी पाया जाता है। शिलाजीत बेहद असरदार और सुरक्षित मानी जाती है जो हमारे स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर कर सकती है।

2. शिलाजीत कैसा दिखता है?

Shilajit kaisa Dekhta hai? – शिलाजीत एक चिपचिपा व काले या भूरे रंग का दिखता है और जब शिलाजीत सूख जाता है तो इसमें से गौमूत्र जैसी गंध आती है।

3. शिलाजीत के फायदे Benefits of shilajit – (Shilajit Ke Fayde)

Shilajit Ke Fayde – ◆ दिमाग़ तेज़ करने मदद करता है शिलाजीत, शिलाजीत को नॉट्रोपिक के रूप में वर्गीकृत किया गया है, इसका मतलब है कि नई नई चीज़ें सीखने के लिए दिमाग की क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। स्वस्थ्य और तेज दिमाग सभी के लिए जरुरी है और शिलाजीत (Shilajit) दिमाग तेज करने में बहुत मददगार साबित होता है। शिलाजीत से मेमोरी बढ़ाती है और साथ ही ये दिमाग को भी पोषित करती है, इसके साथ ही इससे एकाग्रता में सुधार होता है और ये तनाव को भी दूर रखती है। शिलाजीत में फुलविक एसिड एक एन्टीऑक्सडेंट के रूप में पाया जाता है, जो की दिमाग को स्वस्थ बनाता है।

◆ मधुमेह या डायबिटीज में फायदेमंद होता है शिलाजीत (Shilajit) , दुनिया में करीब आधे लोगों को मधुमेह यानि की डायबिटीज है। शिलाजीत ब्लड ग्लूकोस के स्तर को कंट्रोल में रखता है, जिससे डायबिटीज में सुधार आता है। यही कारण है कि शिलाजीत को डायबिटीज में काफी फायदेमंद माना जाता है और इसी वजह से इसे मधुमेह विनाशक भी कहते है।

◆ शिलाजीत दिल यानि की हृदय को मज़बूत बनाता है और प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को स्ट्रांग बनाकर, हमें पूरी तरह से सेहतमंद रखने में मदद करता है। इसके अलावा ये शरीर में थकान को कम कर करता है और शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने का भी काम करता है। बता दे की सुबह शाम शिलाजीत (Shilajit) का दूध तथा शहद के साथ सेवन करने से शरीर कम बीमार पड़ता है और छोटे-मोटे इंफेक्शन दूर ही रहते हैं।

◆ गठिया के इलाज में बहुत फायदेमंद होता है शिलाजीत, वैसे शिलाजीत (Shilajit) को गठिया (Arthritis) का आयुर्वेदिक इलाज कहा जाता है। गठिया जोड़ों का दुश्मन है इससे जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न बढ़ जाती है, लेकिन शिलाजीत (Shilajit) इस दर्द और सूजन से छुटकारा दिलाता है, ये जोड़ों की अकड़न दूर करता है साथ ही जोड़ों को भी स्ट्रांग (Strong) बनाता हैं। बता दे की शिलाजीत (Shilajit) में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते है और ये जोड़ों के दर्द को कम करते है ओर गठिया के इलाज में मददगार साबित होते है साथ ही ये जोड़ों में ब्लड फ्लो को भी बढ़ाता है।

◆ शिलाजीत का इस्तेमाल ब्लड़ प्रेशर को नॉर्मल करने में भी किया जाता है, शिलाजीत (Shilajit) के उपयोग से ब्लड शुद्ध होकर नसों में रक्त संचार (Blood circulation) बढ़ता है। जिसका असर पूरी बॉडी पर पड़ता है और शरीर को ऊर्जा मिलती है।

◆ यौन शक्ति बढ़ाने में मदद करता है शिलाजीत, आमतौर पर लोगों को लगता है कि शिलाजीत (Shilajit) यौन शक्ति बढ़ाने का काम करती है और अधिकतर लोग इसी वजह से इसका सेवन करते है और ये सच भी है। बता दे की ऊर्जा एवं शक्ति का दूसरा नाम है शिलाजीत। प्राचीन समय से ही शिलाजीत (Shilajit) का इस्तेमाल मुख्यतः कमज़ोरी को दूर करने और जवान रहने के लिए किया जाता रहा है। शिलाजीत (Shilajit) कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है और ये बुढ़ापे के लक्षणों और शारीरिक कमज़ोरी को दूर करता है। इसके साथ ही ये शरीर को यौवन और फुर्ती से भर देता है, शिलाजीत (Shilajit) यौन शक्ति को बढ़ाता है। इसके अलावा ये पुरुषों में शुक्राणुओं (Sperms) को स्वस्थ बनाता है और उनके स्तर को भी बढ़ाता है

◆ एनीमिया में फायदेमंद होता है शिलाजीत (Shilajit)। शरीर में खून की कमी की वजह से एनीमिया (Anemia) होती है। इसमें शरीर में बहुत थकान महसूस होती है और मरीज को सामान्य रूप से साँस लेने में भी परेशानी होती है साथ ही चक्कर भी आते हैं। खून बनाने में शिलाजीत (Shilajit) मददगार होता है और शरीर को ऊर्जा से भर देता है।बता दे की शिलाजीत (Shilajit) में ह्यूमिक एसिड और आयरन पाया जाता है, तो इस वजह से आयरन की कमी की वजह से होने वाले एनीमिया (Anemia) में फायदेमंद साबित हो सकता है।

◆ शिलाजीत (Shilajit) में टेस्टोस्टोरोंस (Testosterone) हार्मोन को बढ़ाने की क्षमता पाई जाती है।

◆ इसके अलावा लंबे समय तक जवान दिखने के लिए शिलाजीत (Shilajit) बेहद फायदेमंद होता है।

◆ शिलाजीत (Shilajit) का सेवन करने से याद करने की क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है

◆ शिलाजीत (Shilajit) हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।

◆ शिलाजीत (Shilajit) कोलेस्ट्रोल को कम करने में सहायक होता है।

◆ शिलाजीत (Shilajit) अल्जाइमर की समस्या से राहत दिलाने में भी उपयोगी हो सकता हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दे की शिलाजीत (Shilajit) का स्वभाव गर्म होता है। इसलिये जिन लोगो में पहले से गर्मी बढ़ी हो उन्हें शिलाजीत (Shilajit) से दूर रहकर अन्य औषधियों का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा शिलाजीत (Shilajit) के सेवन करने के दौरान आपको कुछ चीज़ों से दूर रहना चाहिए जैसे की शराब, मांस, मछली, मिर्च मसाले, देर रात तक जागना, खटाई खाना इस तरह के कामों से आपको बचना चाहिए।

4. शिलाजीत के नुकसान Shilajit ke Nuksaan (Disadvantages of shilajit)

Shilajit Ke Nuksan – वैसे तो शिलाजीत (Shilajit) हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इससे हमारे शरीर को बहुत फायदा होता है। बता दे की शिलाजीत (Shilajit) को इंडियन वियाग्रा भी कहते है क्योंकि इससे सेक्स से सम्बंधित कई समस्या दूर हो जाती है। पुरुषों के लिए ये बहुत लाभकारी होती है। लेकिन इसका जरूरत से ज्यादा सेवन कर लिया जाये तो इसके कुछ नुकसान या साइड इफ़ेक्ट भी दिख सकते है। शिलाजीत (Shilajit) वैसे तो बिलकुल सुरक्षित है लेकिन इसका ज्यादा सेवन करना नुकसान भी कर सकता है।

● शिलाजीत (Shilajit) का स्वभाव गर्म होता है और इसका ज्यादा सेवन करने से शरीर का तापमान बढ़ सकता है, यानि की शरीर में गर्मी बढ़ती है। साथ ही ज्यादा सेवन करने से हाथ पैर और पेट भारी भारी सा महसूस होता है।

● शरीर का तापमान ज्यादा होने से मूड खराब रहता है और सिर दर्द जैसी समस्या भी होती है।

● शिलाजीत (Shilajit) के ज्यादा सेवन से हाथ और पैर के तलवों में गर्मी और जलन महसूस होने जैसी परेशानी भी हो सकती है।

● शिलाजीत (Shilajit) के ज्यादा सेवन से गर्मी और एलर्जी के चलते त्वचा पर फोड़े-फुंसी, रैशेज और इरिटेशन जैसी परेशानियां दिखना भी इसका साइड-इफेक्ट हो सकता है।

● इसके अधिक सेवन से उल्टी होना, बेचैनी महसूस करना और हार्ट बीट भी बढ़ सकती है।

● शिलाजीत (Shilajit) का ज्यादा सेवन करने से बार-बार पेशाब करने की इच्छा भी होती है।

5. असली शिलाजीत कैसे पहचाने?

Asli Shilajit Kaise Pachane? – शिलाजीत (Shilajit) एक ओषधि है जो हमारे लगभग पूरे शरीर को फायदा करती है लेकिन इसका सही और पूरा फायदा जब ही हमारे शरीर को मिलेगा जब ये शिलाजीत शुद्ध हो। क्योंकि बाजार में आपको नकली शिलाजीत देखने को भी मिल जायेगी। अगर आप नकली शिलाजीत (Shilajit) का सेवन तो उससे आपको फायदा होने के बजाय उल्टा नुकसान भी हो सकता है और इसके लिए जरुरी है कि आपको असली शिलाजीत की पहचान करना आना चाहिए। कुछ आसान तरीके है जिनकी द्वारा आप असली शिलाजीत को बहुत आसानी से पहचान सकते है।

इसके अलावा बाजार में आपको कई ब्रांड का शिलाजीत (Shilajit) मिल जायेगा और ये आपको कैप्सूल, लिक्विड और ठोस रूप में मिल जायेगा। अगर आप चाहते है कि शिलाजीत का आपको पूरा फायदा मिले तो आपको इसे लिक्विड और ठोस रूप में ही लेना चाहिए।

6. असली शिलाजीत की पहचान ऐसे करे।

Asli Shilajit Ki Pachane Ese Kare – ● जो शुद्ध शिलाजीत(Shilajit) होता है वो घुलनशील होता है यानि अगर इसे गुनगुने पानी में मिलाया जाये तो शिलाजीत उसमे पूरी तरह से घुल जाती है। वही नकली शिलाजीत में मौजूद अशुद्धियाँ पानी में नही घुलती।

● जो शुद्ध शिलाजीत होता है अगर उसे आप आग के पास ले जाते है तो वो आग नही पकड़ता है यानि की वो जलता नही है। लेकिन नकली शिलाजीत (Shilajit) आग पकड़ लेता है।

● शिलाजीत की शुद्धता को नापने का एक तरीका ये है कि आप इसका धातु परीक्षण भी कर सकते है। इसके आपको एक चम्मच में शिलाजीत (Shilajit) को दो बून्द मरकरी और एक चम्मच पानी के साथ मिलाएं। अब अगर ये शिलाजीत शुद्ध होगा तो वो मरकरी में अवशोषित (Absorbed) कर लेगा, और अगर वो शिलाजीत नकली होगा तो वो मरकरी कोअवशोषित नही करेगा।

● आप शराब या अल्कोहॉल से भी शुद्ध शिलाजीत (Shilajit) का पता लगा सकते है। जो असली शिलाजीत होता है शराब या अल्कोहल घुलता नही है। जबकि नकली शिलाजीत शराब में घुल जायेगा।

तो ये वो कुछ तरीके थे जिनकी मदद से आप आसानी से पता लगा सकते है कि शिलाजीत (Shilajit) असली है या नकली।

7. शिलाजीत का कितना सेवन करें?

Shilajit Ka Kitna Sevan Kare? – अधिक मात्रा में शिलाजीत (Shilajit) का सेवन करने से नुकसान भी हो सकता है। इसके अलावा जिन लोगो की एलर्जी होती है उन्हें इसका सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। जो महिलाएं गर्भवती होती है उन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन नही करना चाहिए। बता दे की हर बीमारी में शिलाजीत (Shilajit) का सेवन अलग अलग तरीके से किया जाता है, तो ये जरुरी है कि शिलाजीत (Shilajit) का सेवन करने से पहले आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

अगर आप चाहते है कि शिलाजीत (Shilajit) सही से असर करे तो इसके लिए शिलाजीत को सही तरीके से लेने लेना जरूरी है। आमतौर पर शुरुआत में दिन में आप एक बार लगभग 100 मिलीग्राम लें। फिर धीरे धीरे से आप इसकी खुराक को बढ़ा दे, जैसे की 100 मिलीग्राम दिन में 2 बार। जानकारी के लिये बता दे की शिलाजीत को खाने को लेकर अलग अलग विचार है और आयुर्वेद चिकित्सकों के मुताबिक, शिलाजीत का प्रभाव बढ़ाने के लिए आप इसे हल्के गर्म गुनगुने दूध से लिया जा सकता है। साथ ही इसे घी, शहद, हर्बल चाय से भी लिया जा सकता है। लेकिन हम आपको यही सलाह देंगे की शिलाजीत लेने से पहले आप डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

8. शिलाजीत का सेवन किसे नहीं करना चाहिए?

Shilajit Ka Sevan Kise Nahi Karna Chahiye? – वैसे तो हर व्यस्क व्यक्ति शिलाजीत का सेवन कर सकता है, लेकिन थैलेसिमिया, एसिडीटी, अल्सर और पाइल्स से पीड़ित व्यक्ति को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अगर शिलाजीत के सेवन से शरीर में लाल दाने होते है या सर में चक्कर आते है और हृदय की गति बढ़ती है तो तुरंत आपको शिलाजीत सेवन बंद कर देना चाहिए। एक बात का खास ध्यान रखे की किसी भी तरह की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही शिलाजीत का सेवन शुरू करना चाहिए।

तो अब आपको अच्छे से समझ आ गया होगा की शिलाजीत क्या है, शिलाजीत के फायदे (Shilajit Ke Fayde) और शिलाजीत के नुकसान (Shilajit Ke Nuksaan) क्या है, आप असली शिलाजीत कैसे पहचान सकते है। तो आशा करते है शिलाजीत से जुडी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। जानकारी पसंद आये तो इस आर्टिकल को अपने मित्रों के साथ साझा जरूर करे धन्यवाद….

Shilajit FAQ

Q1. शिलाजीत क्या है?

Ans. आमतौर पर शिलाजीत इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा में होता है। बता दे की आयुर्वेद में शिलाजीत को एक शक्‍तिवर्द्धक पदार्थ माना जाता है क्‍योंकि ये हमारी संपूर्ण सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है।

Q2. शिलाजीत कैसे दिखता है?

Ans. शिलाजीत एक चिपचिपा व काले या भूरे रंग का दिखता है और जब शिलाजीत सूख जाता है तो इसमें से गौमूत्र जैसी गंध आती है।

Q3. शिलाजीत के फायदे?

Ans. दिमाग़ तेज़ करने मदद करता है शिलाजीत, शिलाजीत को नॉट्रोपिक के रूप में वर्गीकृत किया गया है, इसका मतलब है कि नई नई चीज़ें सीखने के लिए दिमाग की क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। स्वस्थ्य और तेज दिमाग सभी के लिए जरुरी है.

Q4. शिलाजीत के नुकसान

Ans. पुरुषों के लिए ये बहुत लाभकारी होती है। लेकिन इसका जरूरत से ज्यादा सेवन कर लिया जाये तो इसके कुछ नुकसान या साइड इफ़ेक्ट भी दिख सकते है। शिलाजीत (Shilajit) वैसे तो बिलकुल सुरक्षित है लेकिन इसका ज्यादा सेवन करना नुकसान भी कर सकता है।

Q5. असली शिलाजीत कैसे पहचाने?

Ans. बाजार में आपको कई ब्रांड का शिलाजीत (Shilajit) मिल जायेगा और ये आपको कैप्सूल, लिक्विड और ठोस रूप में मिल जायेगा। अगर आप चाहते है कि शिलाजीत का आपको पूरा फायदा मिले तो आपको इसे लिक्विड और ठोस रूप में ही लेना चाहिए।

Q6. असली शिलाजीत की पहचान ऐसे करे?

Ans. शुद्ध शिलाजीत(Shilajit) होता है वो घुलनशील होता है यानि अगर इसे गुनगुने पानी में मिलाया जाये तो शिलाजीत उसमे पूरी तरह से घुल जाती है। वही नकली शिलाजीत में मौजूद अशुद्धियाँ पानी में नही घुलती।

Q7. शिलाजीत का कितना सेवन करें?

शिलाजीत (Shilajit) सही से असर करे तो इसके लिए शिलाजीत को सही तरीके से लेने लेना जरूरी है। आमतौर पर शुरुआत में दिन में आप एक बार लगभग 100 मिलीग्राम लें। फिर धीरे धीरे से आप इसकी खुराक को बढ़ा दे, जैसे की 100 मिलीग्राम दिन में 2 बार। जानकारी के लिये बता दे की शिलाजीत को खाने को लेकर अलग अलग विचार है.

Q8. शिलाजीत का सेवन किसे नहीं करना चाहिए?

Ans. वैसे तो हर व्यस्क व्यक्ति शिलाजीत का सेवन कर सकता है, लेकिन थैलेसिमिया, एसिडीटी, अल्सर और पाइल्स से पीड़ित व्यक्ति को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अगर शिलाजीत के सेवन से शरीर में लाल दाने होते है या सर में चक्कर आते है और हृदय की गति बढ़ती है तो तुरंत आपको शिलाजीत सेवन बंद कर देना चाहिए।

ये भी पढ़े – 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here