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बारिश को कैसे मापा जाता है?
जरा हटके

बारिश को कैसे मापा जाता है?

आज इस पोस्ट में हम बात करेंगे बारिश के बारे में की बारिश को कैसे मापा जाता है और बारिश को मापने के लिए किस चीज़ या यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है। तो आइये जानते है बारिश कैसे मापा जाता है? आप सभी अक्सर न्यूज़ चैनल या न्यूज़ पेपर में पड़ते होंगे की आज इतने MM या सेंटीमीटर बारिश हुई, और ये बातें हमे मानसून के मौसम में काफी सुनने को मिलती है और ये बातें सुनकर हमारे मन में एक ही सवाल उठता है कि आखिर बारिश को मापा कैसे जाता है और ये आंकड़े विभाग को किस आधार पर मिलते है।

बारिश को कैसे मापा जाता है?

आपको बता दे की बारिश को मापने के लिए एक खास तरह के यंत्र या उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है जिसे वर्षा मापी यंत्र या रेन गॉग (Rain Gauge) कहा जाता है। इस यंत्र को ऐसी जगह लगाया जाता है जहाँ आसपास पेड़ पौधे या दीवार न हो मतलब इन्हें खुले स्थान पर लगाया जाता है जिससे की बारिश का पानी सीधे इस यंत्र में जाये।

बारिश को मापने वाला यंत्र कैसे होता है?

ये यन्त्र एक सिलेंडर जैसा होता है और इसका जो ऊपरी हिस्सा होता है उनमें एक कीप लगी होती है या फिर इस यंत्र का जो ऊपरी हिस्सा होता है वो कीप के जैसा होता है। इस कीप में बारिश का पानी जाता है और इस यंत्र के नीचे लगे बोतल जैसे पात्र में इकठ्ठा हो जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की पहला रेन गॉग (Rain Gauge) ब्रिटेन के क्रिस्टोफर व्रेन ने साल 1662 में बनाया था।

बारिश को कैसे मापा जाता है?
बारिश को कैसे मापा जाता है?

यहाँ आपको एक बात और बता दे की वर्षा मापी यंत्र कई तरह के हो सकते है और बारिश को ज्यादातर सेंटीमीटर और इंच में ही मापा जाता है। एक आदर्श वर्षा मापी वो होता है जिसमे एक खोखला बेलन है और उसके अन्दर बोतल हो जिसके ऊपर एक कीप लगी हो। बारिश का पानी इस कीप के जरिये बोतल में इकठ्ठा हो जाता है जिसे बाद में मापक (Scale) के जरिये माप (Measure) किया जाता है, आपको बता दे की इस काम ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट का समय लगता है।

बारिश का माप कैसे लिया जाता है?

जब भी वर्षा की मापना होता है तो इस यंत्र के बाहरी सिलेंडर को खोलकर बोतल में इकठ्ठे हुए पानी को एक बीकर में डाल जाता है ये बीकर कांच का बना होता है और साथ ही इस बीकर में मिलीमीटर के नंबर प्रिंट होते हैं और जितने मिलीमीटर पानी इस बीकर में आता है यही बारिश की माप मानी जाती है। यहाँ आपको एक बात और बता दे की जितना ज्यादा बारिश का माप मिलीमीटर में आता है या जितने ज्यादा मिलीमीटर होते है बारिश भी उतनी ही ज्यादा हुई होती है?

बारिश का माप कितनी बार लिया जाता है?

आमतौर पर बारिश का माप दिन में एक बार लिया जाता है, लेकिन मानसून के समय बारिश का माप दिन में दो बार लिया जाता है, पहला सुबह 8 बजे और फिर शाम को 5 बजे। तो दोस्तों अब आपको समझ आ गया होगा की बारिश को मापा कैसे जाता है। उम्मीद है आपको ये पोस्ट पसंद आया होगा। जानकारी पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

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