फ्लैट फुट (समतल पैर) वालो को सेना में क्यों नहीं लिया जाता?

इंडियन आर्मी भारत की शान है और हर काफी युवा इसका हिस्सा बन देश की सेवा करना चाहते है, लेकिन इंडियन आर्मी में शामिल होना इतना भी आसान नही होता है। आर्मी में शामिल होने के लिए आपका शारीरिक रूप से स्वस्थ होता सबसे जरूरी होता है, आपकी लंबाई और वजन आर्मी के नियमों के मुताबिक होना चाहिए और आपके पैर समतल (Flat Foot) नही होने चाहिए. जिनके पैर समतल होते है उन्हें आर्मी में नही लिया जाता है। अब सवाल उठता है कि समतल पैर वालों (फ्लैट फुट) को आर्मी में क्यों नही लिया जाता है।

फ्लैट फुट (समतल पैर) वालो को सेना में क्यों नहीं लिया जाता?
फ्लैट फुट (समतल पैर) वालो को सेना में क्यों नहीं लिया जाता?

इंसान के पैरों का सामान्य कार्यों होता है दौड़ते या भागते समय जमीन और पैर के बीच उत्पन्न होने वाले झटकों को अवशोषित (Absorb) करना , और ऐसा तभी हो सकता है जब आपके पैरों का आर्क सही हो। आर्क मतलब पंजे और एड़ियों के बीच में खाली जगह। जब भी कोई दौड़ता है तो वो हमेशा दौड़ते समय अपने पैर के पंजे का इस्तेमाल करता है और दौड़ते समय आपका पैर धरती के संपर्क में आता है, ऐसे में धरती से झटके उत्पन्न होते है और इन उत्पन्न झटको को एड़ियों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता हैं। लेकिन समतल पैर में ऐसा नही होता है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि समतल पैर जमीन के पूरे संपर्क में आते है, इस वजह से ये झटके सीधे पैर की हड्डियों और कमर तक जाते हैं और इन झटकों की वजह से आपके पैर या पैरों की हड्डी और कमर में दर्द की शिकायत हो सकती है।

बता दे की सेना में 10 से 20 किलोमीटर के मार्च होते है और समतल पैर वाले इन मार्च को निकाल पाने में सक्षम नहीं होंगे। इसके अलावा आर्मी में उबड़ खाबड़ जगहों पर चलना होता है, कूदना होता है और दौड़ना होता है और ऐसे में समतल पैर वाले का स्पाइनल डैमेज होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है और सरकार ये कभी नही चाहेगी की ड्यूटी और ट्रेनिंग के दौरान आपको किसी भी तरह की कोई भी चोट आए और आपको डिसेबिलिटी पेंशन देकर आपको घर भेज दिया जाये।

यहीं कारण है कि आर्मी में समतल पैर यानि की फ्लैट फुट वालों को नही लिया जाता हे। आशा करते है आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी, जानकारी पसंद आये तो अपने फ्रेंड्स के साथ शेयर करना न भूले।

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