भारत में अक्सर छोटे-बड़े रेल हादसे होते रहते है और इस दौरान रेल के डिब्बे और इंजन पटरी से उतर जाते है, लेकिन क्या आप ये जानते है की पटरी से उतरे डिब्बे और इंजन को वापस पटरी पर कैसे चढ़ाया जाता है?
जब भी कभी रेल हादसे होते है तो कई बार तो सिर्फ इंजन या डिब्बे का थोड़ा सा भाग ही पटरी से उतरता है लेकिन कई बार पुरे के पूरे डिब्बे और इंजन पटरी से उत्तर जाते है लेकिन इन समस्या से निपटने के लिए रेलवे ने खास तरह की दुर्घटना राहत ट्रेन और टूल वैन तैयार की है, बता दे की ये गाड़ियां बड़े बड़े स्टेशन और जंक्शन हमेशा मौजूद रहती है। इन ट्रेनों में क्रेन और टूल्स के अलावा हर वो चीज होती है जिसकी दुर्घटना स्थल पर जरूरत होती है। जैसे ही एक्सीडेंट का पता चलता है इनमे इंजन लगाया जाता है और जल्द से जल्द एक्सीडेंट वाली जगह पर पहुच जाती है। (AC की पूरी जानकारी। टन स्टार रेटिंग और प्रकार)
एक्सीडेंट में अगर इंजन या डिब्बे का थोड़ा भाग या एक-दो पहिये ही पटरी से उतरे होते है तो इन्हें हाइड्रॉलिक जैक से वापस पटरी पर रख दिया जाता है। लेकिन अगर एक्सीडेंट बड़ा होता है और ट्रैन का पूरा इंजन पटरी से उतार जाता है या डिब्बे पटरी से बहुत दूर तक चले जाते है तो उन्हें क्रेन के द्वारा पटरी पर लाया जाता है।
यहाँ एक बात का ध्यान और रखा जाता है एक्सीडेंट में जो डिब्बे ज्यादा डैमेज हो जाते है यानि की चलने या इस्तेमाल करने लायक नही रहते है उन्हें पटरी पर वापस नही लाया जाता है जो चलने लायक होते है उन्हें ही वापस पटरी पर लाया जाता है और जो डिब्बे चलने की हालत में नही रहते है उन्हें पटरी से काफी दूर रख दिया जाता है और बाद में नीलाम कर दिया जाता है।
तो दोस्तों अब आपको अच्छे से समझ आ गया होगा की ट्रेन के इंजन या डिब्बों को वापस पटरी पर कैसे लाया जाता है, उम्मीद करते है आपको ये जानकारी पसंद आयी होगी जानकारी पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे…..धन्यवाद