ट्रैन (Train) के कोच में गेट के पास वाली खिड़की पर लोहे की ज्यादा रॉड क्यों लगाई जाती है?

अगर आपने ट्रेन में सफर किया है तो अपने देखा होगा की जो ट्रैन के कोच में गेट के पास वाली खिड़की में अन्य खिड़कियों के मुकाबले लोहे की ज्यादा रॉड लगी होती है क्या आप जानते है कि इस खिड़की में अन्य खिड़कियों की तुलना में लोहे की ज्यादा रॉड या छड़ क्यों लगी होती है।

ट्रैन (Train) के जनरल या स्लीपर कोच (Sleeper Coach) में गेट के पास वाली खिड़की में लोहे की रॉड या छड़ ज्यादा लगाई जाती है लेकिन उसी कोच की दूसरी खिड़कियों में यही लोहे की छड़ या रॉड कम लगी होती है, इंडियन रेलवे में ऐसा सुरक्षा के लिए किया जाता है अब आप सोच रहे होंगे की इससे कैसे सुरक्षा होगी, तो आपको बता दे की इससे हमारी नही हमारे सामान की सुरक्षा होती है कैसे आइये जानते है।

ट्रैन (Train) के कोच में गेट के पास वाली खिड़की पर लोहे की ज्यादा रॉड क्यों लगाई जाती है?
ट्रैन (Train) के कोच में गेट के पास वाली खिड़की पर लोहे की ज्यादा रॉड क्यों लगाई जाती है?

आप ये बात तो जानते है होंगे की जब भी किसी ट्रैन (train) को सिग्नल नही मिलता है तो उसे प्लेटफार्म दूर या फिर आउटर पर रोक दिया जाता है। लेकिन यहाँ पर तो ट्रैन की खिड़की की ऊँचाई जमीन ज्यादा  होती है लेकिन अगर कोई व्यक्ति चाहे तो गेट की सीढ़ियों पर चढ़कर गेट की की पास वाली खिड़की में हाथ डालकर आपका कीमती सामान चोरी कर सकता है जैसे को मोबाइल।

ट्रैन (train)  में बैठे यात्री का सामान सुरक्षित रखने के लिए ही इंडियन रेलवे गेट की पास वाली खिड़की में लोहे की छड़ या रॉड ज्यादा लगता है। तो दोस्तों आशा करते है कि आपको ये जानकारी पसंद आयी होगी। जानकारी पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

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